हल्द्वानी: डॉ कोमल जोशी को शिक्षा के क्षेत्र में मिला बड़ा सम्मान

अखिल भारतीय स्वतंत्र पत्रकार एवं लेखक संघ, दिल्ली के तत्वावधान में शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित होने वाला 36वे डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षक सम्मान अबकी बार कोरोना संक्रमण के कारण कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के बजाय केंद्रीय समाजिक न्याय एवं सेवायोजन मंत्री रामदास अठावले के सरकारी निवास पर संछिप्त और वर्चुअल रूप से किया गया.

ज्ञातव्य हो कि प्रतिवर्ष शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर सामाजिक सेवा, शिक्षा और मीडिया के क्षेत्र में यह पुरस्कार दिया जाता है. वर्ष 1984 में विभिन्न क्षेत्रों पर कर्मवीरों के मनोबल के प्रोत्साहन के लिए इसकी सुरुआत की गयी थी.

उसी कड़ी में अब तक शिक्षा क्षेत्र में किये गए उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ कोमल चन्द्र जोशी जी को 36 वाँ डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन स्मृति शिक्षक सम्मान-2020 प्रदान किया गया.

डॉ जोशी ने बताया कि सम्पूर्ण भारत वर्ष से उक्त चयन समिति व्यक्तियों को उनके योगदान के हिसाब से स्वतः संज्ञान लेकर चयन करती है एवं यह संस्था पूरे भारतवर्ष की सबसे पुरानी प्रतिष्ठित संस्था है जो लगातार 36 वर्षों से यह पुनीत कार्य अनवरत कर रही है.

डॉ जोशी पिछले 19 सालों से शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहें हैं और अभी तक उनको डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के पौत्र डॉ के.एस. रत्नाकर द्वारा प्रिंसिपल ऑफ द ईयर-कोलकाता जिसमें देशभर से बेहतरीन 40 प्रधानाचार्यों को चुना गया था.

एडुकेशज एवं रिसर्च इंडस्ट्री थर्टी वन वेंचर्स मुम्बई से एडुकेशन आइकॉन, देश की प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था पोद्दार फाउंडेशन की ट्रस्टी प्रकृति पोद्दार द्वारा मानसिक स्वास्थ और तनाव में सेवा के लिए एप्रिसिएशन वालंटियर, एडुफ़ीड फाउंडेशन द्वारा लेटर ऑफ एप्रिसिएशन एवं सर्टिफिकेट ऑफ एप्रिसिएशन के साथ-साथ लगभग अन्य कई बड़े सम्मानित पुरुस्कारों से अब तक नवाजा जा चुका है.

उनको पिछले ही वर्ष देश के प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थान आई. आई. एम.-काशीपुर से एग्जीक्यूटिव इन स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट में भी सर्टिफिकेशन प्राप्त हुआ है और शिक्षा के क्षेत्र में ऐसा करने वाले वह अकेले थे.

अखिल भारतीय स्तर पर देश के चुनिंदा 6 शिक्षाविदों, 11 चिकित्सकों और पत्रकारों को को प्रदान किया जाने वाला यह पुरस्कार देश का दूसरा सबसे बड़ा पुरुस्कार माना जाता है. उत्तराखंड से यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले डॉ जोशी एकमात्र शिक्षाविद है.

वह हल्द्वानी(नैनीताल) के निवासी है और इस बात से उनके घर में हर्ष का माहौल है. उनकी माताजी बीना जोशी और पिताजी रमेश जोशी दोनों ही सामाजिक कार्यकर्ता है.

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