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नगाालैंड हिंसा: पैतृक गांव पहुंचा शहीद गौतम लाल का पार्थिव शरीर, अंतिम विदाई में उमड़ा भारी भीड़

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फोटो साभार -ANI

पिछले दिनों नगाालैंड में हुई हिंसा में शहीद हुए उत्तराखंड के गौतम लाल का पार्थिव शरीर आज मंगलवार को उनके पैतृक गांव नौली पहुंच गया. राजकीय एवं सैन्य सम्मान के साथ उन्हें पैतृक घाट पर अंतिम विदाई दी गई. शहीद के चचेरे और फुफेरे भाई देवेंद्र ने मुखाग्नि दी.

पार्थिव शरीर के पहुंचते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. गांव वाले उन्हें संभालते नजर आए. वहीं शहीद को श्रद्धांजलि देने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस दौरान शहीद गौतम अमर रहे और भारत माता की जय के नारे लगते रहे. इस दौरान विधायक विनोद कण्डारी, पूर्वं मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी और दिवाकर भट्ट भी मौजूद रहे.

इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने एम्स ऋषिकेश पहुंचकर शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी . प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा है कि शहीद गौतम लाल का बलिदान देश कभी नहीं भूल पाएगा. उत्तराखंड को वीरभूमि कहते हैं जब भी देश को जरूरत होती है, इस धरा के वीर जवानों ने देश की आन, बान और शान के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए हैं . पूरा देश व प्रदेश शहीद गौतम लाल के परिजनों के साथ है .

टिहरी जिले के हिसरियाखाल क्षेत्र की ग्राम पंचायत नौली के नौसिला तोक निवासी सेना के जवान गौतम लाल के नागालैंड में शहीद होने की खबर से क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है. माता-पिता, भाई-बहन को रो-रोककर बुरा हाल है. परिजन सोमवार दिनभर उनके पार्थिव शरीर की इंतजार करते रहे, लेकिन वह नहीं पहुंचा.

शहीद का पार्थिव शरीर देर शाम देहरादून जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचा, जिसे एम्स ऋषिकेश में रखा गया. मंगलवार सुबह शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा. गांव से शहीद की अंतिम यात्रा निकाली गई, इस दौरान भारी संख्या में लोग मौजूद रहे. तत्पश्चात राजकीय एवं सैन्य सम्मान के साथ उन्हें पैतृक घाट पर अंतिम विदाई दी गई.

शहीद के चचेरे और फुफेरे भाई देवेंद्र ने मुखाग्नि दी. इससे पहले सेना के अधिकारी कर्नल देवराज चड्डा, जिलाधिकारी टिहरी इवा श्रीवास्तव, एसएसपी तृप्ति भट्ट, एसडीएम सोनिया पंत, तहसीलदार सुनील राज ने ही पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद को श्रदांजली दी.

शहदी गौतम सेना की पैरा स्पेशल फोर्स की 21वीं बटालियन में पैराटू्रपर थे, वह नागालैंड में शहीद हो गए. गौतम पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. उनकी तीन बहनें हैं. उसकी शहादत की खबर सुनकर क्षेत्र में शोक की लहर है.

परिवार के साथ ही गौतम के दोस्त भी उनकी शहादत से गमगीन हैं. वह बताते हैं कि गौतम ने जनवरी मेें आने का वादा किया था. वहीं परिजन और क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि गौतम की शहादत पर उन्हें गर्व है. बड़े भाई सुरेश ने बताया कि गौतम मई में बहन की शादी में घर आया था.

इसके बाद जून में वह ड्यूटी पर चला गया था. वह अक्तूबर में फिर घर आया था. उसने बताया कि ऑपरेशन से एक दिन पहले फोन पर गौतम ने बताया था कि वह कहीं जा रहा है. लौटने के बाद फोन करेगा, लेकिन इसके बाद कोई फोन नहीं आया.

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