साउथ कोरिया में मंगलवार (3 जून, 2025) को हुए विशेष राष्ट्रपति चुनाव में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ने जीत दर्ज की. पार्टी उम्मीदवार ली जे-म्युंग ने कंजर्वेटिव के अपने प्रतिद्वंदी किम मून-सू को भारी मतों से रहा दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक कुल 85 फीसदी मतगणना पूरी हो चुकी है. इसी के साथ कंजर्वेटिव पार्टी के किम मून-सू ने अपनी हार स्वीकार कर ली है. साउथ कोरिया में इस जीत की खूब चर्चा हो रही है, क्योंकि ये जीत सिर्फ एक राजनीतिक परिवर्तन नहीं, बल्कि एक लोकतांत्रिक पुनर्जागरण का प्रतीक मानी जा रही है.
बता दें कि साउथ कोरिया में तीन जून को इसलिए विशेष चुनाव करना पड़ा क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल ने पिछले साल 3 दिसंबर को देश में मार्शल लॉ लागू करने का एलान किया था, जिससे पूरे देश में हड़कंप मच गया. उनके इस फैसले ने लोकतंत्र की नींव को हिलाकर रख दिया. साल 1987 के बाद ये पहली बार था जब दक्षिण कोरिया में लोकतंत्र की बहाली के बाद किसी राष्ट्रपति ने सेना का सहारा लिया और देश पर हुकूमत करने की कोशिश की.
ली जे-म्युंग साउथ कोरिया में विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं. म्युंग ने ही संसद में यून के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया था. इसी साल अप्रैल में संवैधानिक न्यायालय ने पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल को पद से हटा दिया था. उसके बाद उनके खिलाफ देशद्रोह और सत्ता के दुरुपयोग के आपराधिक मुकदमे शुरू किया गया. इस राजनीतिक उठापटक के चलते साउथ कोरिया में विशेष राष्ट्ररपति चुनाव कराना अनिवार्य हो गया.
61 वर्षीय ली जे-म्युंग का राजनीतिक सफर “गरीबी से अमीरी” की कहानी से कहीं ज़्यादा है. साल 1963 में गरीबी में जन्मे ली ने प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद फैक्ट्री में काम करना शुरू किया, जहां औद्योगिक दुर्घटनाओं में उनके हाथ में स्थायी चोटें आईं. इसके बाद उन्होंने स्व-अध्ययन के माध्यम से कानून की डिग्री हासिल की और राजनीति में प्रवेश करने से पहले मानवाधिकार वकील बन गए.
उनका राजनीतिक करियर 2010 में सेओंगनाम के मेयर के रूप में शुरू हुआ. बाद में उन्होंने दक्षिण कोरिया के सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्र ग्योंगगी प्रांत पर शासन किया. वे साल 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में यूं सुक येओल से मामूली अंतर से हार गए. लेकिन देश की राजनीतिक अराजकता के बाद अब स्थिति बदल गई और वह साउथ कोरिया के राष्ट्रपति के विशेष चुनाव में जीत गए.
हालांकि इससे पहले जनवरी 2024 में बुसान यात्रा के दौरान एक व्यक्ति ने ऑटोग्राफ के बहाने उनपर हमला कर दिया था. उस व्यक्ति ने ली जे-म्युंग के गले पर 7 इंच लंबे चाकू से वार किया था. इस हमले में वह बुरी तरह से जख्मी हो गए थे. जिसके चलते उन्हें एयरलिफ्ट कर सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके हमले उनके समर्थकों ने ही नहीं बल्कि आलोचकों ने भी जमकर निंदा की. इस जानलेवा हमले के बाद भी उनके हौसले पस्त नहीं हुए. इस हमले के बाद उनकी छवि और मजबूत नेता की बन गई.