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करूर भगदड़: मद्रास हाईकोर्ट ने एक्टर विजय को लगाई फटकार, कहा-घटनास्थल से भागना मानसिकता को दर्शाता है

तमिलनाडु के करूर जिले में अभिनेता और तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) पार्टी प्रमुख विजय की रैली में मची भगदड़ ने 41 लोगों की जान ले ली थी. इस दर्दनाक घटना में 11 बच्चे भी शामिल थे, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए. अब यह मामला मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ में पहुंचा, जहां अदालत ने विजय और राज्य सरकार दोनों को कड़ी फटकार लगाई है.

न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार ने सुनवाई के दौरान कहा कि घटना पूरी तरह से गलत प्रबंधन का नतीजा है. उन्होंने टिप्पणी की कि हादसे के समय विजय घटनास्थल से भाग गए और उनकी पार्टी ने आज तक खेद तक व्यक्त नहीं किया. कोर्ट ने कहा कि यह विजय की मानसिकता को दर्शाता है.

अदालत ने सवाल उठाया, ‘एक इवेंट आयोजक के रूप में क्या आपकी कोई जिम्मेदारी नहीं है?’ साथ ही अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि राज्य सरकार विजय के प्रति नरमी बरत रही है, जबकि सबके सामने वीडियो और तस्वीरें मौजूद हैं.

हाईकोर्ट ने घटना की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी असरा गर्ग के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (SIT) बनाने का आदेश दिया है. यह टीम पूरे मामले की जांच करेगी. अदालत ने साथ ही कहा कि जब तक रोड शो और रैलियों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश (SOP) नहीं बन जाते, तब तक इन्हें रोकने पर विचार होना चाहिए.

TVK नेताओं ने अदालत में कहा कि उनका किसी को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी और भीड़ केवल लाठीचार्ज के बाद बेकाबू हुई. उनका कहना था कि सभी नियमों का पालन किया गया था और भीड़ पर रसायन फेंके जाने से लोग बेहोश हो गए.

वहीं, राज्य सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि TVK ने लोगों को गुमराह किया. पार्टी ने ट्वीट में कार्यक्रम का समय दोपहर 12 बजे बताया, जबकि पुलिस ने अनुमति दोपहर 3 बजे से दी थी. सरकार ने यह भी कहा कि 559 पुलिसकर्मी रैली में तैनात किए गए थे.

आपको बता दें कि इस हादसे के बाद TVK ने मृतकों के परिवार को 20 लाख रुपये और घायलों को 2 लाख रुपये देने की घोषणा की. वहीं, तमिलनाडु सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता घोषित की.

कोर्ट ने सरकार को भी फटकार लगाई और कहा कि लोगों की जान बचाना राज्य की जिम्मेदारी है. अदालत ने आदेश दिया कि भविष्य में ऐसी रैलियां हाईवे के पास ही हों और वहां पेयजल, एम्बुलेंस, शौचालय और सुरक्षित निकास मार्ग जैसी सुविधाएं जरूर उपलब्ध कराई जाएं.

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