अब महाराष्ट्र में 31 मई तक लॉकडाउन, 18+ को फिलहाल नहीं लगेगा टीका

बीते कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में कमी आने के बावजूद महाराष्ट्र सरकार राज्य में लगाए गए लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों में ढील देने के पक्ष में नहीं है. संक्रमण पर रोक लगाने के लिए उद्धव सरकार ने बुधवार को पहले से चले आ रहे लॉकडाउन को 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया.

कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए राज्य में चल रहा टीकाकरण अभियान के आगे बढ़ने पर भी संकट खड़ा हो गया. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि टीके की कमी चलते 18 से 44 वर्ष के लोगों को वैक्सीन फिलहाल नहीं लगाई जाएगी. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 18+ लोगों के लिए जो टीका खरीदा है उसे अब 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को दिया जाएगा.

राज्य में लॉकडाउन लगाने की घोषणा कैबिनेट की बैठक के बाद हुई. अभी राज्य में 15 मई तक के लिए लॉकडाउन लागू था. राज्य में निजी कार्यालय, दुकानें, गैर-जरूरी गतिविधियां पहले की तरह बंद रहेंगी. राज्य के स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में बुधवार को कोरोना संक्रमण के 46,781 नए मामले सामने आए जबकि 816 लोगों की मौत हुई.

इसके साथ ही राज्य में संक्रमण की कुल संख्या बढ़कर 5,227,710 हो गई. महामारी से राज्य में अब तक 78,007 लोगों की जान जा जुकी है. राज्य में लोगों के बीमारी से ठीक होने की दर 88.01 प्रतिशत है.

टीकाकरण अभियान के तहत महाराष्ट्र में अभी 18 और 44 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका लगाया जा रहा था लेकिन राज्य में कोरोना के टीकों की कमी हो गई है. बुधवार को वैक्सीन की कमी के चलते राज्य के कई टीका केंद्रों को बंद करना पड़ा. टीका लगवाने पहुंचे लोगों को अगले दिन आने के लिए कहा गया.

टीके की कमी पर स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ‘राज्य में कोरोना टीके की कमी हो गई है. इसे देखते हुए हम 18 से 44 वर्ष के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान फिलहाल हम रोक रहे हैं. 18+ आयु वर्ग के लिए आए 2.75 लाख टीके के डोज का इस्तेमाल 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए होगा.’

इस बीच, महाराष्ट्र कैबिनेट ने राज्य को ऑक्सीजन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान में बताया गया कि ‘महाराष्ट्र मिशन ऑक्सीजन’का उद्देश्य राज्य में प्रति दिन 3000 मीट्रिक टन जीवन रक्षक गैस का उत्पादन करना है.

वर्तमान में राज्य में उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 1300 मीट्रिक टन है जबकि कोरोना वायरस महामारी के कारण मांग 1800 मीट्रिक टन है. बयान में बताया गया कि संभावित तीसरी लहर के दौरान मेडिकल ऑक्सीजन की मांग 2300 मीट्रिक टन तक बढ़ सकती है.

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