Home एक नज़र इधर भी मोदी सरकार की ‘सपनों की बुलेट ट्रेन हुई लेट’, देशवासियों को 5...

मोदी सरकार की ‘सपनों की बुलेट ट्रेन हुई लेट’, देशवासियों को 5 साल और करना होगा इंतजार

0
फाइल फोटो


आज हम उस बात की चर्चा करेंगे जिसको वर्ष 2014 में केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के बाद मोदी सरकार ने देश को दिखाया था. जनता भी भाजपा सरकार की परियोजना का बेसब्री से इंतजार कर रही थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना को लेकर खूब उत्साहित रहते थे. हम बात कर रहे हैं देश में बुलेट (हाई स्पीड ट्रेन की दौड़ाने की ) भाजपा नेता देश में बुलेट चलाने को लेकर चुनाव रैलियों में इसे मुद्दा भी बनाते रहे हैं. इस ट्रेन को लेकर देश में ‘राजनीति’ भी खूब हुई थी. महाराष्ट्र की शिवसेना और कांग्रेस ने मोदी सरकार पर बुलेट ट्रेन चलाए जाने पर कई बार तंज भी कसा था.

केंद्र की भाजपा सरकार की ओर से पहले कहा जा रहा था कि हम देश में हर हाल में ‘साल 2022’ तक बुलेट ट्रेन दौड़ा देंगे. उसके बाद मोदी सरकार ने तकनीकी कारणों के चलते इसे एक साल और वर्ष 2023 में शुरू करने की बात कही थी. लेकिन अब जनता को 5 वर्ष और इंतजार करना होगा अपने ‘सपनों की ट्रेन’ में बैठने के लिए. बुलेट ट्रेन को वर्ष 2028 में चालू होने से ‘मोदी सरकार को जबरदस्त झटका लगा है’.‌ दूसरी ओर वे लोग जो हाई स्पीड ट्रेन में बैठने के लिए उम्मीद लगाए हुए थे वह भी भाजपा सरकार पर सवाल उठा रहे हैं. बता दें कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में अब पांच साल की और देरी होने के ये कारण बताए जा रहे हैं.

जापानी कंपनियों की कम हिस्सेदारी, नीलामी के लिए बोली लगाने वालों के अनुचित रेट की वजह से कैंसल टेंडर, भूमि अधिग्रहण में देरी, कोरोना महामारी, अंडरग्राउंड प्रोजेक्ट जैसी वजहों से पीएम नरेंद्र मोदी के दिल के बेहद करीब माने जाने वाली ये परियोजना अब देर से पूरी हो सकती है। मोदी सरकार भी मान कर चल रही है कि यह हाई स्पीड ट्रेन 2028 से पहले शुरू नहीं की जा सकती है.


कांग्रेस और शिवसेना ने कहा था, भाजपा की यह ट्रेन आम लोगों के लिए नहीं है
भाजपा सरकार के अहमदाबाद से मुंबई हाई स्पीड ट्रेन चलाने पर देश में सियासत भी खूब हुई थी. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस और शिवसेना समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने इसे मोदी सरकार की ‘इलेक्शन ट्रेन’ बताया था.‌ यही नहीं पिछले वर्ष नवंबर माह में जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा और शिवसेना का गठबंधन टूट गया था तब कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना ने राज्य में सरकार बनाई थी. उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवसेना ने बुलेट ट्रेन के लिए महाराष्ट्र सीमा में जमीन अधिग्रहण न देने को लेकर मोदी सरकार को धमकी भी दी थी.

शिवसेना ने कहा था कि देश की जनता ने कभी बुलेट ट्रेन चलाने की मांग नहीं की. यह सिर्फ भाजपा सरकार का ही सपना है, आम लोगों का नहीं. शिवसेना ने कहा था पीएम मोदी यह हाई स्पीड ट्रेन से अमीर उद्योगपति के लिए चला रहे हैं. दूसरी ओर कांग्रेस में इस ट्रेन को चलाए जाने पर भाजपा सरकार पर निशाना साधा था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मलिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बुलेट ट्रेन यूपीए सरकार का प्रोजेक्ट था, इसे भाजपा सरकार अपना श्रेय ले रही है.


सितंबर 2017 में पीएम मोदी बुलेट ट्रेन की रखी थी आधारशिला

यहां हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने सितंबर वर्ष 2017 में गुजरात के अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन चलाने की आधारशिला रखी थी. उसके बाद पीएम मोदी ने देश की जनता को बड़े जोर-शोर से संबोधित करते हुए कहा था कि आजादी के 70 साल बाद इस प्रोजेक्ट का भूमि पूजन हुआ है, जब 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होंगे तब मैं और शिंजो आबे बुलेट ट्रेन में एक साथ बैठेंगे.

(हालांकि खराब स्वास्थ्य के चलते पिछले दिनों जापान के प्रधानमंत्री शिंजो ने इस्तीफा दे दिया है) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जब मैं गुजरात का सीएम था तो लोग कहते थे कि मोदी बुलेट ट्रेन कब लाएंगे, अब यह ट्रेन आ गई है तो लोग कह रहे हैं कि बुलेट ट्रेन क्यों ला रहे हो.

बुलेट ट्रेन की आधारशिला के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, ‘आज भारत ने बहुत अहम कदम उठाया है, मैं देश के सवा सौ करोड़ देशवासियों को मुंबई-अहमदाबाद रेल कॉरिडोर के भूमि पूजन के अवसर पर शुभकामनाएं देता हूं. यहां हम आपको बता दें कि अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन की गति सीमा 350 किलोमीटर प्रति घंटे रखी गई है. लेकिन अभी देशवासियों को 5 साल और हाई स्पीड ट्रेन में सफर करने के लिए इंतजार करना होगा.


शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version