दिल्ली में ‘सरकार’ का मतलब ‘लेफ्टिनेंट गवर्नर’, एनसीटी ऑफ दिल्ली एक्ट लागू

दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) अधिनियम, 2021 को बुधवार से लागू कर दिया गया. यह अधिनियम चुनी हुई राज्य सरकार से ज्यादा उप राज्यपाल को प्रधानता दी गई है. गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक इस अधिनियम के प्रावधान 27 अप्रैल से प्रभावी हो गए हैं.

इस अधिनियम में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि दिल्ली में ‘सरकार’ का मतलब ‘लेफ्टिनेंट गवर्नर’.अधिनियम में कहा गया है कि राज्य सरकार को अब कोई भी कार्यकारी फैसला लेने से पहले उप राज्यपाल की राय लेनी होगी.

संसद से पहले ही पारित हो चुका है यह संशोधन विधेयक
यह संशोधन विधेयक लोकसभा में गत 22 मार्च को और राज्यसभा में 24 मार्च को पारित हुआ। जाहिर है कि अधिनियम के लागू हो जाने के बाद से उप राज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच टकराव बढ़ना तय है.

केजरीवाल सरकार पहले ही इस अधिनियम को ‘अलोकतांत्रिक’ बता चुकी है. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का इस अधिनियम के बारे में कहना है कि संविधान की व्याख्या के खिलाफ जाते हुए यह बिल पुलिस, भूमि और पब्लिक ऑर्डर के अतिरिक्त एलजी को अन्य शक्तियां भी देगा. यह बिल जनता द्वारा चुनी दिल्ली सरकार की शक्तियां कम कर एलजी को निरंकुश शक्तियां प्रदान करेगा.

अधिनियम पर हैं केजरीवाल सरकार को आपत्तियां
इस अधिनियम पर केजरीवाल सरकार को आपत्तियां हैं. केजरीवाल सरकार का कहना है कि इससे चुनी हुई सरकार का कोई मतलब नहीं रह जाएगा. दिल्ली से जुड़े सभी अंतिम निर्णय उप-राज्यपाल लेंगे जो कि जनादेश का अपमान है. इस अधिनियम के लागू हो जाने के बाद उप राज्यपाल की शक्तियां काफी बढ़ गई हैं.केजरीवाल सरकार को अपने फैसलों के लिए अब बार-बार उप राज्यपाल की मंजूरी का इंतजार करना होगा. सरकार चलाने में अब होगा यह बदलाव-

किसी मसले पर केजरीवाल की कैबिनेट यदि कोई फैसला करती है तो उसे अपने फैसले पर उप राज्यपाल की राय लेनी होगी.
उप-राज्यपाल उन मामलों को तय करेंगे जिनमें उनकी राय मांगी जानी चाहिए.
विधानसभा के बनाए किसी भी कानून में ‘सरकार’ का मतलब एलजी का उल्लेख करना होगा.
विधानसभा या उसकी कोई समिति प्रशासनिक फैसलों की जांच नहीं कर सकती और उल्लंघन में बने सभी नियम रद्द हो जाएंगे.

केजरीवाल बोले-यह दिल्ली के लोगों का अपमान
इस संशोधन विधेयक के लोकसभा में पारित होने के बाद केजरीवाल ने कहा, ‘जीएनसीटीडी संशोधन विधेयक का लोकसभा में पारित होना दिल्ली के लोगों का अपमान है. यह विधेयक लोगों द्वारा चुने गए व्यक्ति के हाथों से शक्तियां छीनने वाला है. यह विधेयक उन लोगों के हाथों में शक्तियां देगा जिन्हें चुनाव में हराया गया है. भाजपा ने लोगों के साथ धोखा किया है.’

Related Articles

Latest Articles

लोक सभा चुनाव 2024: उत्तराखंड के पांच लोकसभा सीटों पर 56 नामांकन वैध-07 खारिज

0
देहरादून| अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस ब्रीफिंग करते हुए कहा कि राज्य में लोक सभा...

गुजरात: पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट को 20 साल की कठोर जेल, 28 साल पुराने...

0
गुजरात के पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. संजीव भट्ट को 20 साल की सजा सुनाई गई है. बनासकांठा जिले...

एक्टर गोविंदा शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल, उत्तर-पश्चिमी मुंबई सीट से लड़ सकते हैं...

0
बॉलीवुड के मशहूर एक्टर गोविंदा आज यानी गुरुवार को शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल हो गए हैं. गोविंदा ने शिवसेना में शामिल होने से...

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में, नहीं मिली राहत

0
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके दिल्ली आबकारी शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार होने के बाद...

उत्तराखंड: 12वीं गणित के परीक्षार्थियों को मिलेंगे सात बोनस अंक, कोर्स से बाहर से...

0
उत्तराखंड बोर्ड के इंटरमीडिएट कक्षा की गणित परीक्षा के छात्रों को पाठ्यक्रम से बाहर आने वाले दो सवालों पर राहत देने का निर्णय लिया...

कांग्रेस की 31 मार्च को दिल्ली में महारैली, गठबंधन के नेता होंगे शामिल

0
कांग्रेस 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में महारैली करेगी| इस महारैली में पार्टी अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए विपक्षी इंडिया...

केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत, बने रहेंगे मुख्यमंत्री, जनहित याचिका खारिज

0
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद, उन्हे मुख्यमंत्री के पद से हटाने की मांग की गई थी, वह आवेदन दिल्ली हाईकोर्ट में खारिज हो...

सुप्रिया श्रीनेत के लोकसभा चुनाव में लड़ने की संभावनाएं खत्म, कांग्रेस ने नहीं दिया...

0
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के लोकसभा चुनाव में लड़ने की संभावनाएं अब खत्म हो चुकी है. बॉलीवुड अभिनेत्री और हिमाचल प्रदेश से मंड़ी लोकसभा...

केंद्र सरकार ने नागालैंड के आठ जिलों में 6 महीने के लिए बढ़ाया AFSPA

0
केंद्र सरकार ने नागालैंड के आठ जिलों और पांच जिलों के 21 पुलिस स्टेशनों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 को बढ़ा दिया...

 12 साल बाद धर्मशाला में चन्नेई और पंजाब होंगे आमने-सामने

0
धर्मशाला में आईपीएल के मैच में एक दशक बाद पंजाब की टीम अब चेन्नई सुपर किंग और रॉयल चैलेंजर्स बंगलोर के साथ मुकाबले के...