उत्तराखंड कांग्रेस की चिंता, इंदिरा हृदयेश के निधन से खाली सीट की कैसे हो भरपाई!

सोमवार को कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया. करीब 4 दशक तक इंदिरा हृदयेश ने कांग्रेस पार्टी की सेवा की. उत्तराखंड में तो वे कई मोर्चों पर अकेली नेता थीं, जहां पार्टी दम ठोक कर कहती थी कि इंदिरा जी हैं न.

उत्तराखंड कांग्रेस में नारायण दत्त तिवारी के बाद इंदिरा हृदयेश बड़ी ब्राह्मण नेता रहीं. वे उत्तरप्रदेश से लेकर उत्तराखंड के 21 साल में सबसे बड़ी महिला नेता रहीं. उत्तराखंड कांग्रेस में हमेशा उनकी गिनती ताकतवर और बड़े चेहरों में हुई. हल्द्वानी शहर इंदिरा हृदयेश का गढ़ रहा, जहां से उन्होंने कुमाऊं की राजनीति को साधा. मौजूदा वक्त में वे नेता विपक्ष की जिम्मेदारी संभाल रही थीं.

इंदिरा ह्रदयेश अब नहीं है, कई बड़े चेहरे 2016 में बीजेपी के हो चुके हैं. यशपाल आर्य के बीजेपी में जाने के बाद कांग्रेस में कोई बड़ा दलित चेहरा नहीं बचा और ऐसे में कई मोर्चों पर कांग्रेस के अंदर कोई विकल्प नहीं दिखता.

इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद उत्तराखंड कांग्रेस दो चेहरों पर आकर टिक गई है – हरीश रावत और प्रीतम सिंह. इन दोनों नेताओं के आसपास अब कांग्रेस के भविष्य की राजनीति घूमेगी और यही नेता तय करेंगे की इंदिरा हृदयेश की कमी कैसे पूरी होगी?

लोकतंत्र में चुनाव भले ही पार्टी लड़ती हो, राजनीति भले ही पार्टी के नाम पर चलती होती हो, लेकिन जनता में नेता का चेहरा और नाम काम आता है. ऐसे में इंदिरा हृदयेश के जाने के बाद कांग्रेस को सबसे बड़ी कसरत इसी मोर्चे पर करनी होगी.

मुख्य समाचार

मिथुन चक्रवर्ती को कलकत्ता हाईकोर्ट से मिली राहत

कोलकाता| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और मशहूर...

Uttarkashi Cloud Burst: केंद्र और राज्य सरकार ने राहत-बचाव अभियान में झोंकी ताकत

आपदा ग्रस्त धराली (उत्तरकाशी) में राहत एवं बचाव अभियान...

Topics

More

    मिथुन चक्रवर्ती को कलकत्ता हाईकोर्ट से मिली राहत

    कोलकाता| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और मशहूर...

    Uttarkashi Cloud Burst: केंद्र और राज्य सरकार ने राहत-बचाव अभियान में झोंकी ताकत

    आपदा ग्रस्त धराली (उत्तरकाशी) में राहत एवं बचाव अभियान...

    Related Articles