इस साल हज के दौरान सऊदी अरब में सैकड़ों हज यात्रियों की मौत हो गई. इनमें 98 भारतीय भी शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक, सभी हज यात्रियों की मौत सऊदी अरब में पड़ी प्रचंड गर्मी के चलते हुई है. बता दें कि इस साल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के तमाम देशों में भीषण गर्मी पड़ी पिछले सप्ताह ही सऊदी अरब में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया. जबकि मक्का में पारा 51 डिग्री हो गया. यही वजह है कि दुनियाभर से हज के लिए सऊदी अरब पहुंचे हाजियों ने इस्लाम धर्म के सबसे पवित्र शहरों मक्का और मदीना में दम तोड़ दिया.
हज एक अरबी शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ किसी स्थान के लिए प्रस्थान करना है. हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है. प्रत्येक मुसलमान को अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार हज यात्रा करनी होती है. कुरान के मुताबिक, हज का इतिहास लगभग 4000 साल पहले पैगंबर इब्राहिम (यहूदी-ईसाई धर्मग्रंथों में अब्राहम) के समय से माना जाता है. हज के दौरान पांच या छह दिनों की अवधि में मक्का और उसके आसपास होने वाले अनुष्ठानों की एक श्रृंखला शामिल होती है. इनमें काबा का तबाफ यानी परिक्रमा, सफा और मारवा की पहाड़ियों के बीच की यात्रा, अराफात पर्वत परर चढ़ना और प्रार्थना करना, जहां पैगंबर मुहम्मद ने अपना अंतिम उपदेश दिया था.
सऊदी अरब साम्राज्य का हज और उमरा मंत्रालय तीर्थयात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए जिम्मेदार है. पिछले कुछ वर्षों में, जैसे-जैसे तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ी है, सऊदी अधिकारियों ने बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए अरबों रुपये खर्च किए हैं. फिर भी, इतने सारे तीर्थयात्रियों को थोड़े समय के लिए एक ही स्थान पर ठहराना असंख्य तार्किक चुनौतियाँ पैदा करता है. यही वजह है कि हर साल, सऊदी सरकार देश-वार कोटा आवंटित करती है जो किसी विशेष देश से यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों की कुल संख्या निर्धारित करती है. यह बड़े पैमाने पर किसी विशेष देश में मुसलमानों की संख्या के आधार पर किया जाता है. इसके साथ ही सभी देश बड़े कोटा के लिए कूटनीतिक रूप से भी पैरवी करते हैं.
इस साल सऊदी अरब ने 1.75 लाख भारतीयों को हज करने की अनुमति दी थी. इसमें 1.40 लाख भारतीय आधिकारिक हज समिति के माध्यम से गए, और बाकी अधिक महंगे निजी ऑपरेटरों के माध्यम से हज यात्रा पर गए. एचसीओआई विभिन्न राज्यों को उनकी मुस्लिम आबादी के आधार पर वितरित करता है. सऊदी अरब ने इस साल दुनिया भर के देशों के लिए कुल 1.8 मिलियन यानी 18 लाख स्लॉट सौंपे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल के मुताबिक, इस साल तीर्थयात्रा के दौरान 98 भारतीयों की मौत हो गई है. ये मौतें प्राकृतिक बीमारी, प्राकृतिक कारणों, पुरानी बीमारी और बुढ़ापे के कारण हुई हैं. पिछले साल, हज पर मरने वाले भारतीयों का आंकड़ा 187 था. उन्होंने कहा कि अराफात के दिन, जो तीर्थयात्री वहां आते थे, उस दिन गर्मी की लहर के कारण कई लोगों को परेशानी हुई. दूसरे देशों के लोगों को अधिक कष्ट हुआ. हमारे देश से, अराफात के दिन छह लोगों की मौत हुई.
इसके साथ ही मीना की घाटी में शैतान को प्रतीकात्मक रूप से पत्थर मारना भी शामिल है. यह तीर्थयात्रा इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी महीने धू अल-हिज्जा की 8वीं से 13वीं तारीख के बीच की जाती है. चूंकि इस्लामी कैलेंडर का चंद्र वर्ष सौर ग्रेगोरियन वर्ष से 11 दिन छोटा होता है, इसलिए प्रत्येक ग्रेगोरियन वर्ष में हज पिछले वर्ष की तुलना में 10 या 11 दिन पहले आता है. इस साल हज यात्रा 14 से 19 जून तक हुई.
सऊदी अरब में हज के दौरान 98 भारतियों की मौत, ये बनी दम तोड़ने की वजह
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