21वी सदी के अंत तक 60% कम हो जाएंगे ग्लेशियर, हिमालय पर ग्लोबल वार्मिंग का खतरा

ग्लोबल वार्मिंग का खतरा अब हिमालय पर भी मंडरा रहा है। वैज्ञानिकों की मानें तो ग्लोबल वार्मिंग के कारण हिमालय के ग्लेशियर दुनिया के अन्य ग्लेशियरों की तुलना में तेजी से पिघलकर अपना क्षेत्रफल और द्रव्यमान खो रहे हैं। अगर हालात ऐसे ही रहे तो 21वीं सदी के अंत तक हिमालय के ग्लेशियर 60 फीसदी कम हो जाएंगे।

एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि श्रीनगर के भू-विज्ञान विभाग के साथ ही कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के अध्ययन में यह बात सामने आई है। इस शोध को लंदन की जर्नल ऑफ ग्लेशियोलाॅजी में प्रकाशित किया गया है। दरअसल भू-विशेषज्ञों ने मध्य हिमालय के ऊपरी अलकनंदा बेसिन (घाटी) में भू-सर्वेक्षण द्वारा सतोपंथ व भागीरथ खरक ग्लेशियर के साथ 198 ग्लेशियरों पर गहनता से अध्ययन किया।

बता दे कि भू-विशेषज्ञों के करीब ढाई दशक तक किए गए शोध में बताते हैं कि 1994 से लेकर 2020 तक हिमालय के ग्लेशियरों की पिघलने की दर सबसे अधिक रही। इस अवधि में ये करीब 13 मीटर प्रति वर्ष पीछे खिसक गए। इतना ही नहीं पिछले तीन दशकों में मध्य हिमालय व उसके आसपास के तापमान में 0.1 से 0.15 डिग्री सेल्सियस प्रति दशक की दर से वृद्धि हुई। जबकि इसी अवधि के दौरान बारिश में भी लगातार कमी दर्ज की गई है।

मुख्य समाचार

12वीं के बाद बीए और बीए ऑनर्स में से क्या करें! पढ़ें दोनों के बीच 10 बड़े अंतर

12वीं के बाद क्या करें? हर साल करोड़ों स्टूडेंट्स...

एक बार फिर बिगड़ी सीएम योगी की मां की तबीयत, देहरादून के जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की माता, सावित्री...

Topics

More

    एक बार फिर बिगड़ी सीएम योगी की मां की तबीयत, देहरादून के जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की माता, सावित्री...

    असम में भूकंप के झटके, 4.2 रही तीव्रता

    असम के उत्तर-मध्य हिस्से में रविवार सुबह 4.2 तीव्रता...

    Related Articles