लद्दाख के लेह शहर में 24 सितंबर को हुई हिंसक घटनाओं के बाद प्रशासन ने कर्फ्यू में चार घंटे की ढील दी। यह ढील मंगलवार, 30 सितंबर को सुबह 10 बजे से 2 बजे तक दी गई, जिससे स्थानीय लोग आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी कर सके। इस दौरान बाजारों में हलचल देखी गई और लोग राशन, दवाइयाँ, तथा अन्य जरूरी सामान खरीदने के लिए बाहर निकले। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती संवेदनशील इलाकों में बढ़ाई गई है ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे।
डीजीपी लद्दाख ने हिंसा के मुख्य आरोपी के रूप में पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक का नाम लिया है। उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की गई है और उनकी संस्था ‘Students’ Educational and Cultural Movement of Ladakh’ का लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है।
अधिकारियों ने कहा है कि कर्फ्यू में और ढील देने का निर्णय स्थिति के अनुसार लिया जाएगा। सुरक्षा बलों की तैनाती जारी रहेगी और मोबाइल इंटरनेट सेवाएँ निलंबित रहेंगी। लद्दाख के उपराज्यपाल काविंदर गुप्ता ने शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि शांति विकास की नींव है।