उत्‍तराखंड

उत्तराखंड: नकल माफिया के खिलाफ एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई, हाकम सिंह और उसका सहयोगी गिरफ्तार

देहरादून पुलिस और एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने नकल माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. इस मामले में हाकम सिंह और उसके सहयोगी पंकज सिंह गौड़ को गिरफ्तार किया गया है. दोनों आरोपी अभ्यर्थियों को प्रतियोगी परीक्षा में सफलता दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ऐंठ रहे थे. यह गिरफ्तारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा लागू किए गए सख्त नकल विरोधी कानून के तहत की गई है.

पुलिस के अनुसार, जांच के दौरान सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध लोग प्रतियोगी परीक्षाओं में धोखाधड़ी करने के लिए सक्रिय हैं. गहन निगरानी के बाद यह स्पष्ट हुआ कि उत्तरकाशी निवासी पंकज गौड कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह के संपर्क में है और अभ्यर्थियों से पैसे की मांग कर रहा है.

पुलिस ने योजना बनाकर आरोपियों द्वारा किए जा रहे फ्रॉड का खुलासा किया है. यह आरोपी अभ्यर्थियों से 12 से 15 लाख रुपये तक की मांग कर रहे थे. यदि कोई परीक्षार्थी बिना उनकी मदद के चयनित हो जाता तो आरोपी पूरी रकम हड़प लेते और असफल होने की स्थिति में भविष्य की परीक्षाओं में एडजस्टमेंट का झांसा देकर अभ्यर्थियों को अपने जाल में फंसाए रखते,

बताया गया कि, पुलिस को मिली गुप्त सूचना के आधार पर उत्तराखंड एसटीएफ और पुलिस ने मिलकर इन आरोपियों को देहरादून के पटेल नगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों की पहचान हाकम सिंह, उम्र 42 वर्ष, पुत्र केदार सिंह, निवासी ग्राम निवाड़ी, थाना मोरी, जनपद उत्तरकाशी और पंकज गौड, उम्र 32 वर्ष, पुत्र केशवानंद गोद, निवासी ग्राम कंडारी, ब्लॉक नौगांव, राजस्व थाना कंडारी, बारकोड जनपद उत्तरकाशी के रूप में हुई.

इन दोनों जालसाजों के खिलाफ कोतवाली पटेल नगर में उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा भर्ती में प्रतिभाग करने वाले छात्रों से अवैध वसूली और नकल विरोधी कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपियों की साजिश से परीक्षा की गोपनीयता को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

वहीं इस कार्रवाई पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है और नकल विरोधी कानून हमारे प्रदेश के छात्रों के लिए हमेशा इस प्रकार के माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा.

बता दें कि हाकम सिंह पहले भी लंबे समय तक जेल की हवा खा चुका है और एक बड़ा नकल माफिया है. हाकम सिंह की ही देन है कि प्रदेश में नकल विरोधी कानून बनाना पड़ा था.

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