उत्तराखंड में भारी मानसून बारिश ने नियंत्रण से बाहर हालात पैदा कर दिए हैं। केदारनाथ यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई है, क्योंकि सोनप्रयाग के निकट मुनकटिया स्लाइडिंग ज़ोन में बड़ी भू-ख़लन (landslide) हुई है, जिससे रास्ते पर भारी मलबा गिर गया और भू-भाग क्षतिग्रस्त हो गया। इससे लगभग 40 श्रद्धालु फंसे, जिन्हें SDRF की टीम ने सुरक्षित सोनप्रयाग पहुंचाया। यातायात बंद कर दिया गया है और प्रशासन ने बचाव एवं राहत कार्य तेज़ कर दिया है ।
इसी बीच, यमुनोत्री हाईवे भी सिलाई बैंड और ओजरी के पास भू-धंसाव की वजह से बंद है, जिससे तीर्थयात्रियों का मार्ग रोका गया है। प्रशासन ने चारधाम यात्रा पर दो दिन पहले भी 24 घंटे की रोक लगाई थी, जब उत्तरकाशी में क्लाउडबर्स्ट और तेज बारिश ने बद्रीनाथ-यमुनोत्री मार्गों को प्रभावित किया था ।
इसके अलावा, श्रीनगर समेत कई जगहों पर जलस्तर बढ़ने से घरों में पानी घुस गया है। विशेषकर अलकनंदा नदी के पास रहने वाले लोग खतरे में हैं, क्योंकि नदी ने खतरे का निशान पार कर लिया है।
एक नई पर्यावरण अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार, चारधाम राजमार्ग परियोजना के तहत अवैज्ञानिक हिल कटिंग के कारण पहाड़ियों की स्थिरता प्रभावित हुई है, जिससे landslide की घटनाओं में तीव्र वृद्धि हुई है। कुल 811 भू-खलन में से 81% सड़क से केवल 100 मीटर के भीतर हुए हैं—जो मानव गतिविधियों से प्रेरित हैं, न कि प्राकृतिक भूकंपीय घटना से ।