सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उत्तराखंड की एक झील में प्लास्टिक बोतल फेंकने पर एक टूरिस्ट को स्थानीय व्यक्ति से डांट सुननी पड़ती है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि झील के पास आया एक पर्यटक अपने पैर से प्लास्टिक की बोतल झील में धकेल देता है. इस हरकत को वहां मौजूद एक स्थानीय व्यक्ति देख लेता है और उसे टोकते हुए पूछता है, ‘क्या ऐसा करना सही है?’ लेकिन टूरिस्ट अपनी गलती मानने की बजाय बदतमीजी करने लगता है.
दरअसल, उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जिसकी प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में है, जहां हर साल लाखों पर्यटक प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने पहुंचते हैं. यहां की नदियां, झीलें, पहाड़ और हरे-भरे जंगल इसकी पहचान हैं. ऐसे में राज्य सरकार और स्थानीय लोग पर्यटकों से हमेशा साफ-सफाई बनाए रखने की अपील करते हैं, लेकिन कुछ लोग इसकी अनदेखी कर देते हैं.
उत्तराखंड में साफ-सफाई बनाए रखने के लिए उत्तराखंड कूड़ा फेंकना और थूकना प्रतिषेध अधिनियम, 2016 लागू है. इस कानून के तहत सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकने या थूकने पर सख्त कार्रवाई की जाती है. पहले जहां गंदगी फैलाने पर 500 रुपये जुर्माना लगता था, वहीं अब यह बढ़ाकर 2,000 रुपये कर दिया गया है. जरूरत पड़ने पर अधिकतम 5,000 रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
कैसे रखें उत्तराखंड में सफाई का ध्यान
पर्यटक अपने साथ एक छोटा बैग रखें जिसमें वे कूड़ा जमा कर सकें और बाद में उसे डस्टबिन में डालें.
झीलों, नदियों या किसी भी प्राकृतिक जलस्रोत में प्लास्टिक या अन्य कचरा न डालें.
सिंगल यूज़ प्लास्टिक जैसे बोतलें और बैग्स से बचें. इनके बजाय स्टील की बोतल और कपड़े के थैले साथ रखें.
उत्तराखंड की सुंदरता को बनाए रखने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की है जो वहां घूमने जाता है. इसलिए सभी पर्यटकों से अपील है कि वे प्राकृतिक स्थलों की गरिमा बनाए रखें और नियमों का पालन करें.