काबुल: गुरुद्वारा कार्ते परवान पर हमले में दो लोगों की मौत

काबुल में गुरुद्वारा कार्ते परवान पर हमले में दो लोगों की मौत हो गई है. गुरुद्वारे के आसपास के इलाके में गोलियों की आवाज सुनी जा रही है. धमाकों की आवाजें भी सुनी गई हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट में कहा, ”गुरुद्वारा कार्ते परवान पर कायरतापूर्ण हमले की कड़ी शब्दों में निंदा की जानी चाहिए.

हमले की खबर मिलने के बाद से हम घटनाक्रम पर करीब से नजर रखे हुए हैं. हमारी पहली और सबसे महत्वपूर्ण चिंता समुदाय के कल्याण के लिए है. ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ के अनुसार, तालिबान के गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त प्रवक्ता अब्दुल नफी ताकोर ने इस हमले की पुष्टि की है.

हमले के दौरान काफी देर तक गोलीबारी हुई है और विस्‍फोट भी हुए हैं. हालांकि विस्फोट की वजह साफ नहीं है. गुरुद्वारे के आसपास बड़ी संख्‍या में सिख समाज के लोग रहते हैं. पहले भी इस गुरुद्वारे पर कई बार भीषण हमले हो चुके हैं. तालिबान ने दावा किया था कि कार्ते परवान पर हमला करने वालों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

अतीत में इस्लामिक स्टेट इन खोरासन (आईएस-के) देशभर में मस्जिदों और अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है. चीन की स्थानीय समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से कहा, ”हमने स्थानीय समयानुसार सुबह करीब छह बजे कार्ते परवान इलाके में विस्फोट की आवाज सुनी. पहले विस्फोट के लगभग आधे घंटे के बाद दूसरा विस्फोट हुआ. फिलहाल पूरे इलाके को सील कर दिया गया है. सुरक्षाबलों ने एहतियात के तौर पर इलाके की घेराबंदी कर दी है.

प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, विस्फोट के कारण आसमान में धुएं का गुबार फैल गया. हमले के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है. उसने कहा, “विस्फोट में बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने की आशंका है. सुरक्षाबलों द्वारा चेतावनी के लिए कई गोलियां दागी गईं.”

सिख समुदाय के नेताओं का अनुमान है कि तालिबान शासित अफगानिस्तान में सिर्फ 140 सिख बचे हैं, जिनमें से ज्यादातर पूर्वी शहर जलालाबाद और राजधानी काबुल में हैं.

इससे पहले, मार्च 2020 में काबुल के एक गुरुद्वारे में हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 25 सिख मारे गए थे और आठ अन्य घायल हुए थे. यह हमला अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक सिख समुदाय पर हुए सबसे घातक हमलों में से एक था.शोर बाजार इलाके में हुए इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली थी.

2021 में अक्टूबर के महीने में इस गुरुद्वारा में कुछ हथियारबंद दाखिल हो गए थे. सुरक्षा में तैनात गार्ड्स को हिरासत में लेने के साथ ही सीसीटीवी कैमरों को तोड़ डाला था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 10-16 हथियारबंद अज्ञात लोग गुरुद्वारा के अंदर दोपहर के वक्त दाखिल हुए थे. तीन गार्ड्स के हाथ-पैर बांध दिए थे और गुरुद्वारे से वापस बाहर निकलते हुए सीसीटीवी को नुकसान पहुंचाया था.



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