अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह अफगानिस्तान के बगराम एयरफील्ड को दोबारा अमेरिकी नियंत्रण में लाने के लिए तालिबान से बातचीत कर रहे हैं. उन्होंने इसे छोड़ने के फैसले को भारी गलती बताते हुए बाइडेन प्रशासन की 2021 की अफगानिस्तान से वापसी को पूरी तरह तबाही करार दिया.
काबुल से करीब एक घंटे की दूरी पर स्थित बगराम एयरबेस कभी अमेरिका की सबसे अहम सैन्य चौकी थी. 2012 में यहां एक लाख तक अमेरिकी सैनिक तैनात थे. लंबी रनवे और मजबूत ढांचे वाला यह एयरबेस अमेरिका के युद्ध अभियानों और खुफिया मिशनों का केंद्र रहा.
चीन पर नजर रखने के लिए करना होगा ये काम
ट्रंप ने कहा कि यह ठिकाना सिर्फ तालिबान से लड़ाई नहीं बल्कि चीन पर नज़र रखने के लिए भी अहम है, क्योंकि यह चीन के परमाणु हथियार केंद्रों से ज्यादा दूर नहीं है. उन्होंने साफ किया कि अमेरिका इसे वापस लेने के लिए दबाव बना रहा है क्योंकि तालिबान को भी अमेरिका से कई चीज़ों की ज़रूरत है.
इसलिए जरुरी भी है
रिपोर्टों के मुताबिक, वॉशिंगटन इस बेस को फिर से आतंकवाद विरोधी अभियानों और अफ़ग़ानिस्तान के खनिज संसाधनों तक पहुंच के लिए भी अहम मान रहा है. अमेरिका का मानना है कि बगराम पर दोबारा पकड़ से चीन और आईएसआईएस दोनों पर कड़ा नियंत्रण रखा जा सकेगा.