दुनिया के सबसे ताकतवर पासपोर्टों की लिस्ट सामने आ गई है. लिस्ट में पहली बार अमेरिका का पासपोर्ट टॉप-10 ताकतवर पासपोर्ट की सूची से बाहर हो गया है. हाल ही में हेनली पासपोर्ट इंडेक्स- 2025 जारी किया गया है. अब अमेरिका का पासपोर्ट फिसलकर 12वें नंबर पर आ गया है. यानी अमेरिका और मलेशिया बराबर हो गए हैं. अमेरिका और मलेशिया दुनिया के 180 देशों में बिना वीजा के जा सकते हैं.
वहीं, लिस्ट में सिंगापुर का पासपोर्ट दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट है. लंबे वक्त से सिंगापुर का पासपोर्ट लिस्ट में नबंर-वन पर है. सिंगापुर के पासपोर्ट से 193 देशों में वीजा-फ्री एंट्री की जा सकती है. दूसरे नंबर पर दक्षिण कोरिया (190) और तीसरे नंबर पर जापान (189 देश) का पासपोर्ट है.
हेनली पासपोर्ट इंडेक्स- 2025, भारत पिछले क्वार्टर की तुलना में आठ रैंक ऊपर आया है. भारत के पासपोर्ट से 59 देशों में बिना वीजा लिए जा सकते हैं.
अमेरिकियों के लिए कई देशों ने वीजा के नियमों को सख्त कर दिए हैं. ब्राजील ने अप्रैल में वीजा-फ्री एंट्री रद्द कर दी थी. चीन ने भी वीजा-फ्री प्रोग्राम में अमेरिका को शामिल नहीं किया. भारत, वियतनाम, पापुआ न्यूगिनी, सोमालिया और म्यांमार जैसे देशों ने अपने वीजा नियमों को सख्त किए है, जिससे अमेरिका के पासपोर्ट की ताकत पर असर पड़ा है. हेनली एंड पार्टनर्स के चेयरमैन क्रिश्चियन केलिन ने कहा कि इससे साफ होता है कि दुनिया में ताकत का खेल बदल रहा है.
वैश्विक स्तर पर भारत की धाक बढ़ी है, जिसका असर अब उसके पासपोर्ट पर भी दिखने लगा है. इसके अलावा, भारत की विदेश नीति, डिजिटल टेक्नीक और नए समझौतों ने खास रोल निभाया है. भारत ने हाल में फिलीपींस और श्रीलंका जैसे देशों के साथ वीजा प्री और वीजा ऑन अराइवल जैसे समझौते किए हैं. भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और द्विपक्षीय रिश्तों की वजह से दूसरे देशों ने भारत के लिए वीजा नियम आसान किए हैं.
ब्रिटिश पासपोर्ट भी दो रैंक खिसकर आठवें नंबर पर है. खास बात है कि 2015 में ब्रिटेन पहले नंबर पर था. चीन 2015 में 94 स्थान पर था लेकिन नई लिस्ट में चीन 64वें नंबर पर है. चीन के लिए 76 देशों में वीजा-फ्री एंट्री है. रूस, दक्षिण अमेरिकी, यूरोपीय और खाड़ी देशों के साथ वीजा फ्री समझौता किया है.