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सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस में चारों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई, दिल्ली साकेट कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया

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सौम्या विश्वनाथन

टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस में चारों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. दिल्ली साकेट कोर्ट ने दोषियों पर जुर्माना भी लगाया है. मामले में दोषी रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है. चारों पर मकोका का केस लगाया गया था. चारों दोषियों को दो मामलों में यानी उम्रकैद और मकोका में अलग अलग उम्रकैद की सजा सुनाई है.

इस लिहाज से दोनों उम्रकैद एक के बाद एक चलेंगी. हत्या में 25-25 हजार रुपए और मकोका में एक एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. यानी चारों दोषियों को डबल उम्रकैद और सवा-सवा लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना न देने पर छह महीने अतिरिक्त कैद होगी.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रविंद्र पांडे ने सौम्या की हत्या के अपराध में रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत सिंह मलिक और अजय कुमार का अपराध दुर्लभतम श्रेणी में नहीं आता, लिहाजा मृत्युदंड नहीं दिया. कोर्ट में महिलाओं के कार्य स्थल और रात शिफ्ट आदि के दौरान सुरक्षा पर चिंता जताई है.

सौम्या 30 सितंबर, 2008 को जब रात साढ़े तीन बजे अपनी कार से घर लौट रही थीं, तब गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी. उस समय दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि इस हत्या का मकसद लूटपाट था. सौम्या की हत्या के मामले में पांच लोगों रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को गिरफ्तार किया गया था और ये सभी आरोपी मार्च, 2009 से न्यायिक हिरासत में हैं. दिल्ली पुलिस ने इन सभी आरोपियों पर मकोका लगाया था.

पुलिस ने बताया था कि आईटी पेशेवर जिगिशा घोष की हत्या में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी से विश्वनाथन हत्याकांड की गुत्थी सुलझी. मलिक ने 2019 में हाईकोर्ट से त्वरित सुनवाई की दरख्वास्त की थी. इसके बाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत से इस बात पर रिपोर्ट मांगी थी कि आरोपपत्र दाखिल किये जाने के साढ़े नौ साल बाद भी सुनवाई क्यों नहीं पूरी हुई. निचली अदालत ने हाईकोर्ट को सूचित किया था कि देरी की प्राथमिक वजह अभियोजन पक्ष के गवाहों की गैरमौजूदगी तथा विशेष जन अभियोजक की नियुक्ति में लगा समय थी.

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