राहुल गांधी के वोट चोरी और एसआईआर के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर इलेक्शन कमिशन ने जवाब दिया. आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि आयोग कभी भी भेदभाव नहीं करता है.
अब इन सबका जवाब देने के लिए चुनाव आयोग खुद सामने आया है. जी हां, राहुल गांधी की ओर से लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्षी दलों के लगातार विरोध के बीच चुनाव आयोग (निर्वाचन आयोग (ECI) आज यानी रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस यानी संवाददाता सम्मेलन कर रहा है.
एसआईआर में जल्दी क्यों ? ज्ञानेश कुमार, मुख्य चुनाव आयुक्त का जवाब
चुनाव से पहले मतदाता सूची शुद्ध करना चाहिए या बाद में
ये चुनाव आयोग नहीं कह रहा है बल्कि RP एक्ट में कहा गया है…
बिहार में 2003 में 14 जुलाई से 14 अगस्त तक एसआईआर हुआ था…तब भी सफल हुआ था और अब भी सफलतापूर्वक हो रहा है
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 56 घंटे के अंदर सूची जिले स्तर पर दे दी है
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के BLAs के स्तर पर बूथ स्तर पर ये सूची साझा की थी
चुनाव आयोग पारदर्शिता का स्वागत करता है
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, व्यक्ति एक, वोटर कार्ड अनेक… ये समस्या सुलझाई जा रही है…हमने बताया चुनाव आयोग मतदाताओं के साथ चट्टान की तरह खड़ा है…किसी के कहने से आपका वोट काट नहीं कटेगा.
मशीन readable मतदाता सूची और searchable मतदाता सूची में फर्क
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, मशीन readable मतदाता सूची और searchable मतदाता सूची में फर्क समझना होगा …
चुनाव आयोग से मतदाता सूची को डाउनलोड किया जा सकता और सर्च किया जा सकता है.
मशीन रीडेबल मतदाता सूची से निजता का हनन हो सकता है, सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कहा है. मशीन रीडेबल वर्जित है. ये सुप्रीम कोर्ट का फैसला है. किसी के फोटो को बदला जा सकता है…कुछ बदलाव किए जा सकते हैं.