इंडियन आर्मी का जवान जासूसी रैकेट में गिरफ्तार किया गया है. पंजाब पुलिस ने आर्मी के जवान देवेंद्र सिंह को सलाखों के पीछे भेज दिया है. आरोप है कि कश्मीर के बारामूला में तैनात देवेंद्र सिंह ISI एजेंट के तौर पर काम कर रहा था और गुपचुप तरीके से पाकिस्तान में खुफिया जानकारी भेज रहा था. हाल ही मे इंडियन आर्मी के रिटायर जवान गुरप्रीत को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था उसी से पूछताछ के बाद 14 जुलाई को देवेंद्र को गिरफ्तार किया गया. गुरुप्रीत और देवेंद्र एक साथ सेना में काम कर चुके हैं. ट्रेनिंग के दौरान दोनों की दोस्ती हुई थी. गुरुप्रीत ISI के अधिकारी से सीधा संपर्क में था और सेना की खुफिया जानकारी लीक करता था.
पुणे में हुई पहली मुलाकात
पंजाब पुलिस ने इस गिरफ्तारी के बाद ISI से जुड़े जासूसी नेटवर्क को तोड़ने का दावा किया है। बताया गया कि 2 दिन पहले यानी 14 जुलाई 2025 को जम्मू-कश्मीर के उरी से भारतीय सेना के सेवारत जवान देविंदर सिंह को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार पूर्व सैनिक गुरप्रीत सिंह उर्फ गुरी की पूछताछ के आधार पर देवेंद्र का नाम सामने आया. जांच में पता चला कि देविंदर ने गुरप्रीत की फिरोजपुर जेल में रहते हुए मदद की थी। खासकर गोपनीय सैन्य दस्तावेज हासिल करने में. दोनों की मुलाकात 2017 में पुणे के सेना के ट्रेनिंग कैंप में में हुई थी और वे सिक्किम व जम्मू-कश्मीर में एक साथ काम कर चुके थे.
पुलिस को मिली 6 दिन की रिमांड
देविंदर को 15 जुलाई 2025 को मोहाली की अदालत में पेश किया गया, जहां उसे 6 दिन की पुलिस रिमांड मिली. प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि दोनों ने सेना के गोपनीय दस्तावेज हासिल किए, जिन्हें गुरप्रीत ने ISI को लीक किया. देविंदर की भूमिका की गहराई से जांच जारी है. यह गिरफ्तारी ISI के जासूसी नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. पंजाब पुलिस के विशेष अभियान सेल (SSOC) अन्य संदिग्धों की पहचान और लीक की गई जानकारी के दायरे की जांच कर रहा है. पुलिस ने राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संकल्प लिया. यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे को उजागर करता है.