Home एक नज़र इधर भी आजाद भारत के पहले वोटर श्याम सरन नेगी का निधन, 2 नवंबर...

आजाद भारत के पहले वोटर श्याम सरन नेगी का निधन, 2 नवंबर को ही किया था मतदान

0

आजाद भारत के पहले वोटर श्याम सरन नेगी का निधन हो गया है. वो 106 साल के थे. हिमाचल के किन्नौर के रहने वाले श्यान सरन नेगी ने दो नवंबर को ही पोस्टल बैलेट के जरिए हिमाचल चुनाव के लिए वोटिंग की थी.

डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि नेगी का आज सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा. वहीं श्याम सरन नेगी के बेटे सीपी नेगी ने कहा कि उनके पिता लंबे समय से बीमार चल रहे थे और आज सुबह करीब 3 बजे उनका देहांत हुआ है.

हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर ने नेगी के निधन पर दुख जताते हुए कहा- “स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता एवं किन्नौर से संबंध रखने वाले श्याम सरन नेगी जी के निधन की खबर सुनकर दुःखी हूं.

उन्होंने अपना कर्तव्य निभाते हुए 34वीं बार बीते 2 नवंबर को ही विधानसभा चुनाव के लिए अपना पोस्टल वोट डाला, यह याद हमेशा भावुक करेगी. ईश्वर उनकी पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोकग्रस्त परिवारजनों को संबल प्रदान करें.”

हालांकि उनकी इच्छा बूथ पर जाकर ही वोट डालने की थी, उन्होंने चुनाव आयोग के फॉर्म को भी लौट दिया था, लेकिन जब तबीयत बिगड़ी तो उनके घर पर चुनाव आयोग के अधिकारी पहुंचे और पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान करवा लिया.

भारत में आम चुनाव पहली बार फरवरी 1952 में हुए थे, लेकिन किन्नौर के ऊंचाई वाले इलाकों में 25 अक्टूबर 1951 को पांच महीने पहले ही मतदान हुआ था, क्योंकि चुनाव आयोग का मानना था कि खराब सर्दियों के मौसम में बर्फ में चुनाव कराना असंभव हो जाएगा.

तब नेगी को दूसरे बूथ पर पोलिंग ड्यूटी करनी थी. वह सुबह सात बजे कल्पा के सरकारी स्कूल पहुंचे और उन्हें वोट डालने दिया गया. इस प्रकार, उन्होंने स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता होने का गौरव प्राप्त किया.

जुलाई 1917 में जन्मे श्याम सरन नेगी ने लोकसभा चुनावों में सोलह बार मतदान किया. उन्होंने 1951 के ठीक बाद हर लोकसभा, विधानसभा और सभी स्थानीय निकायों में अपना वोट डाला. उन्होंने कुल 34 बार वोटिंग की है. इन्हें हिमाचल में लोग मास्टर नेगी के नाम से भी जानते हैं.










NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version