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डोम राजा भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में पीएम मोदी के साथ बनेंगे यजमान, जानिए कौन हैं यह डोम राजा

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अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में अब कुछ ही घंटे और बचे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी इस समारोह में मुख्य यजमान होंगे. राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में पीएम मोदी के साथ देशभर के 15 लोगों को भी बतौर यजमान चुना गया है, जिनमें काशी के डोम राजा अनिल चौधरी भी शामिल हैं.

काशी के डोम राजा अनिल चौधरी अपनी मां जमुना देवी, पत्नी सपना चौधरी और अपने परिवार के सदस्यों के साथ शनिवार को अयोध्या पहुंच गए हैं. शनिवार को वाराणसी से उनके प्रस्थान के उपलक्ष्य में श्मशान घाट से ‘डमरू’ की थाप के बीच एक धार्मिक जुलूस निकाला गया. इस दौरान परिवार के सदस्य चांदी का त्रिशूल और राम मंदिर के लिए भेंट लेकर रवाना हुए.

दरअसल डोम राजा वह हैं, जो वर्षों से काशी के महाश्मशान घाट पर चिताओं को अग्नि देते हैं और शव दाह का काम करते हैं. अनादि काल से यह परंपरा चली आ रही है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान सामाजिक समरसता का संदेश देने के लिए काशी के तत्कालीन डोम राजा जगदीश चौधरी को अपना प्रस्तावक बनाया था. जुलाई 2021 में उनका निधन होने पर उन्हें मरणोपरांत पद्मश्री अवार्ड से भी सम्मानित किया गया.

बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में ‘यजमान’ के रूप में अनुष्ठान करने के लिए अति पिछड़े से लेकर दलित समाज सहित विभिन्न जाति पृष्ठभूमि के लोगों को चुना गया है. महादेव गायकवाड़ भी अनुष्ठानों के लिए चुने गए एक यजमान हैं. इन्हें भारत की 315 खानाबदोश और 198 विमुक्त जनजातियों में घुमंतु समुदाय के 6 करोड़ से अधिक लोगों का चेहरा माना जाता है.

भारत में अनुसूचित जाति के रूप में सूचीबद्ध वाल्मिकी समाज के सदस्य दिलीप वाल्मिकी भी इनमें से एक हैं, जिन्हें भगवान राम और महर्षि वाल्मिकी द्वारा लिखी गई रामायण की कहानी के साथ अपने शाश्वत जुड़ाव पर गर्व है.






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