गृह मंत्रालय ने 24 सितंबर को लेह में हुई झड़पों की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी. लद्दाख के मुख्य सचिव डॉ.पवन कोटवाल ने घोषणा की है कि निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश डॉ. न्यायमूर्ति बीएस चौहान जांच का नेतृत्व करेंगे.
लद्दाख में हिंसा भड़काने के आरोप में सोनम वांगचुक को गिरफ्तार किया गया है.सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत हिरासत में लिया गया था. यह घटना केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों के दो दिन बाद हुई थी. इस प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो गई थी और 90 लोग घायल हो गए थे. सरकार ने वांगचुक पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया था.
रासुका केंद्र और राज्यों को व्यक्तियों को हिरासत में लेने का अधिकार देता है ताकि उन्हें ‘देश की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने वाले’ कार्य करने से रोका जा सके. हिरासत की अधिकतम अवधि 12 महीने है. हालांकि, इसे पहले भी रद्द किया जा सकता है. वांगचुक राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद हैं.