जम्मू-कश्मीर| पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया है. इसके साथ ही भारत ने सिंधु जल समझौते को भी रद्द कर दिया है. बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी जबकि कई लोग घायल हुए थे.
पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने पिछले दो दिनों में कश्मीर क्षेत्र में 100 से अधिक ओवर ग्राउंड वर्करों (OGWs) और आतंकवाद के हमदर्दों को गिरफ्तार या हिरासत में लिया है. इनमें से कई पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत कार्रवाई की गई है. विशेष रूप से कुपवाड़ा में 15, हंदवाड़ा में 12 और पुलवामा में 14 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हमले में शामिल आतंकियों ने सैटेलाइट फोन का उपयोग किया था, जिससे वे पाकिस्तान में स्थित अपने आकाओं के संपर्क में थे. इसके अलावा, जांच में यह भी पता चला है कि आतंकियों को स्थानीय ओवर ग्राउंड वर्करों ने हथियार और रसद सहायता प्रदान की थी.
सुरक्षा बलों ने आतंकियों के समर्थन को समाप्त करने के लिए उनके घरों को भी निशाना बनाया है. हाल ही में, अनंतनाग और त्राल में दो आतंकियों के घरों को विस्फोटकों की मदद से ध्वस्त किया गया है. इस कार्रवाई का उद्देश्य स्थानीय लोगों को आतंकवाद में शामिल होने से रोकना और एक मजबूत संदेश देना है कि आतंकवादियों के लिए कोई सहानुभूति नहीं होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले के बाद स्पष्ट किया है कि आतंकियों को ऐसी सजा दी जाएगी जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी. गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा है कि हमले के दोषियों को चुन-चुनकर मार गिराया जाएगा.
क्या है सरकार की आगे की रणनीति
सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में भी पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी. सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों के नेटवर्क को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
सूत्रों का कहना है कि यह कार्रवाई किसी खुफिया सूचना के आधार पर की जा रही है, जिसके अनुसार हाल ही में घाटी में कुछ संदिग्ध संचार गतिविधियां दर्ज की गई थीं. एनआईए इस बात की जांच कर रही है कि कहीं यह किसी बड़ी आतंकी घटना की तैयारी का हिस्सा तो नहीं.
सूत्र यह भी संकेत दे रहे हैं कि आने वाले दिनों में इस सिलसिले में और गिरफ्तारियों या पूछताछ की कार्रवाई की जा सकती है. एनआईए पूरे नेटवर्क की कड़ियों को जोड़ने का प्रयास कर रही है, ताकि किसी भी संभावित खतरे को समय रहते निष्क्रिय किया जा सके.