आईपीएल से 2011 में बंद होने वाली आईपीएल की फ्रेंचाइजी कोच्चि टस्कर्स केरल और बीसीसीआई के बीच लंबे समय से कानूनी जंग चल रही है. अब उस कड़ी में निर्णायक मोड़ आया है. जिसमें बीसीसीआई को करारा झटका लगा है.
मुंबई हाईकोर्ट ने बीसीसीआई को 538 करोड़ रुपये चुकाने का आदेश दिया है. बीसीसीआई कोच्चि टस्कर्स को इतनी मोटी कीमत चुकाएगी. मंगलवार 17 जून को जस्टिस आरआई छागला ने बीसीसीआई की चुनौती को खारिज कर दिया.
कोच्चि टस्कर्स केरल के साथ चल रहे विवादों के बीच बीसीसीआई के लिए बुरी खबर आ रही है. रोजर बिन्नी की अध्यक्षता बाले बोर्ड को इस फ्रेंचाइजी को 538 करोड़ रुपये देने होंगे. जस्टिस आरआई छागला ने पिछले दिनों भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की चुनौती को खारिज कर दिया. इसमें कहा गया कि कोर्ट मध्यस्थ के निष्कर्षों की दोबारा समीक्षा नहीं कर सकता. जोकि सबूतों के उच्च मुल्यांकन पर आधारित थे.
इस वजह से बंद हुई थी कोच्चि टस्कर्स केरल
2011 आईपीएल के दौरान एक नई आईपीएल फ्रेंचाइजी कोच्चि टस्कर्स की एंट्री हुई थी. हालांकि एक सीजन के बाद अगले सीजन में उन्हें खत्म कर दिया गया. जिसके बाद कोच्चि दोबारा इंडियन प्रीमियर लीग में नजर नहीं आई. दरअसल फ्रेंचाइजी समझौते के तहत जरूरी बैंक गारंटी जमा करने में फेल होने की वजह से कोच्चि टस्कर्स की फ्रेंचाइजी को बीसीसीआई ने बंद कर दिया. फ्रेंचाइजी ने बोर्ड के इस फैसले को गलत बताया.
उनका कहना था कि लगातार बातचीत और पैसों के भुगतान के बावजूद बीसीसीआई ने अचानक कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया. साल 2015 में इस मामले में मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने कोच्चि फ्रेंचाइजी की मालिक केसीपीएल को 384 करोड़ रुपये और रेंडेजवस स्पोर्ट्स वर्ल्ड, जिसने इस टीम को 1533 करोड़ रुपये में खरीदा था, उन्हें भी 153 करोड़ रुपये दिए. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने इसे चुनौती दी. हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया.
खिलाड़ियों को नहीं मिले थे पैसे
पिछले साल पूर्व भारतीय क्रिकेटर और 2011 आईपीएल में कोच्चि टस्कर्स केरल का हिस्सा रहे तेज गेंदबाज एस श्रीसंत ने बड़ा खुलासा किया. उन्होंने रणवीर अलाहाबादिया के पॉडकास्ट में बताया कि इस फ्रेंचाइजी ने कुछ खिलाड़ियों के भुगतान के पैसे अभी तक नहीं दिए.