बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. यही कारण है कि राजनीतिक दलों के बीच हलचलें भी तेज हो चुकी हैं. फिर चाहे वह सत्तापक्ष हो या फिर विपक्ष दोनों ही अपने-अपने दावे और वादे लेकर जनता के बीच पहुंच रहा है. इस बीच बीजेपी के कद्दावर नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी कमर कस ली है. शाह आगामी 8 अगस्त को बिहार के सीतामढ़ी का दौरा करेंगे. दरअसल यहां पर शाह की सीधी नजर मिथिला वोट बैंक पर होगा. यहां की 25 सीट यानी करीब 10 फीसदी वोट बैंक को साधने के लिए अमित शाह खास स्ट्रेटजी भी तैयार करेंगे.
अमित शाह की बिहार के सीतामढ़ी जिले में होने वाली यात्रा को कई मायनों में खास माना जा रहा है. यह दौरा सिर्फ धार्मिक आस्था से जुड़ा नहीं है, बल्कि इसमें राजनीतिक संदेश और विकास परियोजनाओं का भी बड़ा एजेंडा छिपा है. इस दिन वे पुनौरा धाम स्थित जानकी मंदिर के भव्य निर्माण की आधारशिला रखेंगे, जिसे अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है.
पुनौरा धाम को माता सीता की जन्मस्थली माना जाता है. लंबे समय से यहां भव्य मंदिर निर्माण की मांग उठती रही है. अब केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इसे मूर्त रूप देने में जुटी हैं. जानकी मंदिर का डिजाइन उत्तर भारतीय नागर शैली में तैयार किया जा रहा है, जिसमें सफेद संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर का प्रयोग होगा.
मंदिर परिसर को 12 एकड़ में विस्तारित किया जा रहा है, जिसमें वॉकिंग पाथ, तोरण द्वार, विश्राम स्थल और सीता कुंड का पुनर्निर्माण शामिल है.
जानकी मंदिर परिसर को एक राष्ट्रीय तीर्थ क्षेत्र के रूप में प्रचारित करने की योजना है. मंदिर परिसर में लाइट एंड फाउंटेन शो, रामायण थीम पार्क, डिजिटल गैलरी और मूर्तियों के माध्यम से धार्मिक कथा को जीवंत किया जाएगा. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भव्य धर्मशालाएं, वेटिंग हॉल, स्नानगृह, भोजनालय और शुद्ध जल की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही सुरक्षा के लिए CCTV, हेल्प डेस्क और फायर सेफ्टी सिस्टम लगाए जाएंगे.
यही नहीं इसके साथ ही अमित शाह इस यात्रा के दौरान सीतामढ़ी और मिथिला क्षेत्र के लिए कई विकास योजनाओं का शिलान्यास करेंगे. इनमें प्रमुख रूप से पर्यटन से जुड़ी सड़कें, पेयजल परियोजनाएं और सांस्कृतिक गलियारे की योजनाएं शामिल हैं. पुनौरा धाम को मुजफ्फरपुर से जोड़ने वाली नई सड़क इस परियोजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है.
यह यात्रा 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के मिशन की अहम कड़ी भी साबित हो सकती है. दरअसल जानकी मंदिर का शिलान्यास भारतीय जनता पार्टी को मिथिला क्षेत्र में धार्मिक और सांस्कृतिक गौरव से जोड़ने का मौका दे रहा है. ऐसे में इस क्षेत्र में ब्राह्मण से लेकर कायस्थ, वैश्य और मैथिल समुदायों के साथ-साथ महिला वोटरों को भी ‘माता जानकी’ के भावनात्मक जुड़ाव के माध्यम से जोड़ कर बीजेपी इस वोटबैंक पर अपना कब्जा जमा सकती है. बता दें कि मिथिला में 25 विधानसभा सीटें आती हैं जो कुल 243 सीटों का करीब 10 प्रतिशत है.
सीतामढ़ी और आसपास की कई सीटों पर बीजेपी की उपस्थिति अब तक कमजोर रही है. अमित शाह के इस दौरे से बीजेपी इन इलाकों में सामाजिक समीकरणों को फिर से साधने की कोशिश करेगी. बहरहाल अमित शाह की यह सीतामढ़ी यात्रा धार्मिक, राजनीतिक और विकास के स्तर पर एक महत्वपूर्ण संदेश देती है.