राजस्थान के सबसे बड़े अस्पताल ‘सवाई मान सिंह अस्पताल’ (SMS) में रविवार देर रात भीषण आग लग गई. इस अग्निकांड में आईसीयू में भर्ती 6 मरीजों की मौत हो गई. जयपुर में हुई इस घटना पर राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने दुख जताया है. इसके साथ ही उन्होंने घटना पर सख्ती बरतते हुए जांच समित का भी गठन किया है. ये 6 सदस्यीय जांच समित अस्पताल में आग लगने के कारणों की जांच के अलावा एसएमएस अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था की भी जांच करेगी.
इस समिति की अध्यक्षता चिकित्सा विभाग के आयुक्त इकबाल खान करेंगे और इसमें राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसाइटी (RAJMES) में अस्पताल प्रशासन के अतिरिक्त निदेशक मुकेश कुमार मीणा, राजएमईएस के मुख्य अभियंता चंदन सिंह मीणा, पीडब्ल्यूडी में मुख्य अभियंता विद्युत अजय माथुर, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य आरके जैन और जयपुर नगर निगम के मुख्य अग्निशमन अधिकारी शामिल हैं.
जांच समित को लेकर आदेश भी जारी कर दिया गया है. चिकित्सा शिक्षा विभाग के शासन सचिव कार्यालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि, जांच समिति आग के कारणों, आग पर काबू पाने के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा किए गए प्रबंधों, ट्रॉमा सेंटर और एसएमएस अस्पताल में अग्निशमन व्यवस्थाओं, आग लगने की स्थिति में मरीजों की सुरक्षा और निकासी, तथा भविष्य में ऐसी आग से अस्पताल की सुरक्षा और ऐसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए किए गए प्रबंधों की जांच करेगी.
जांच समित पूरे मामले की जांच के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी. इससे पहले, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने रविवार देर रात जयपुर के एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में आग लगने के बाद हुई मौतों की उच्च-स्तरीय जांच की मांग की. पूर्व सीएम गहलोत ने एक पोस्ट में कहा कि, एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में लगी आग “बेहद हृदयविदारक” है. उन्होंने कहा, “राज्य सरकार को इस घटना की उच्च-स्तरीय जांच करानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं फिर से ना हों.”
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस दुखद घटना के बाद एसएमएस अस्पताल का दौरा किया. जयपुर पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ ने पुष्टि की है कि शॉर्ट सर्किट के कारण हुई इस दुर्घटना में छह लोगों की मौत हुई है. पुलिस आयुक्त ने बताया कि फोरेंसिक टीम कारण का पता लगाने के लिए जांच कर रही है.