पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में पिछले चार दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने तबाही मचा दी है. असम, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मेघालय और मणिपुर जैसे राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. अब तक इस आपदा में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लाखों लोग प्रभावित हुए हैं. मौसम विभाग ने 5 जून तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है.
मणिपुर की राजधानी इम्फाल के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में बाढ़ ने तबाही मचाई है. सेना और असम राइफल्स ने राहत और बचाव के लिए ‘ऑपरेशन जल राहत-2’ के तहत अब तक 500 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला है. जेएनआईएमएस अस्पताल में फंसे मरीजों को सेना की नावों की मदद से बाहर निकाला गया. प्रभावित इलाकों में 10 राहत टुकड़ियों को तैनात किया गया है जो BAUTs और रबड़ की नावों से लैस हैं. लिलोंग में इरिल नदी के टूटे हुए किनारे की मरम्मत भी की गई है ताकि और पानी न फैले.
राज्य के 19 जिलों में बाढ़ से 3.64 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. ब्रह्मपुत्र और बराक समेत 10 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. कई जगहों पर सड़कें और रेल मार्ग बंद हो गए हैं. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और प्रशासन की सलाह मानने की अपील की है.
मणिपुर में 19,000 से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में हैं और 3,365 घरों को नुकसान हुआ है. रविवार को 1,500 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया. त्रिपुरा में भी 10,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं.