सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह दूरसंचार विभाग द्वारा मांगे गए एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) बकाया पर ब्याज, जुर्माने और जुर्माने पर ब्याज माफ करने की वोडाफोन आइडिया (वीआई) की याचिका पर 13 अक्टूबर को सुनवाई करेगा.
वीआई ने अपने आवेदन में अपनी पिछली याचिका में संशोधन करने की मांग की है, जिसमें वित्त वर्ष 19 तक दूरसंचार विभाग की 9,450 करोड़ रुपए की अतिरिक्त एजीआर मांग को रद्द करने की मांग की गई थी. संशोधित आवेदन में अब एजीआर बकाया की मूल राशि पर ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज के भुगतान से छूट की मांग की गई है.
वीआई ने कहा कि उसने जुर्माना लगाने के मुद्दे पर इस आधार पर आपत्ति जताई थी कि एजीआर बकाया का भुगतान न करना वास्तविक था.
इससे पहले, सरकार की ओर से अधिक समय मांगने के कारण 26 सितंबर को शीर्ष अदालत ने वोडाफोन आइडिया एजीआर केस की सुनवाई को 6 अक्टूबर को ट्रांसफर कर दिया था.
पिछली कार्यवाही के दौरान डीओटी का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने वोडाफोन आइडिया की याचिका पर जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय का अनुरोध किया था, और वोडाफोन आइडिया ने अनुरोध का विरोध नहीं किया था.
इससे पहले, 19 सितंबर को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि वह वोडाफोन आइडिया की याचिका का विरोध नहीं करता, लेकिन इस बात पर जोर देता है कि समाधान जरूरी है, क्योंकि सरकार की खुद कंपनी में बड़ी हिस्सेदारी है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में अंतिम निर्णय की आवश्यकता पर भी जोर दिया था.
वोडाफोन आइडिया की ब्याज देनदारियों को इक्विटी में बदलने के बाद, सरकार 49 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ी शेयरधारक बन गई है. हालांकि, इसे प्रमोटर के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है.
वोडाफोन आइडिया का शेयर दोपहर 2:45 पर 3.74 प्रतिशत की गिरावट के साथ 8.49 रुपए पर था.