बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बड़ा खेला कर दिया है. दरअसल बीते विधानसभा चुनाव में भी तेजस्वी यादव प्रदेश की पहली पसंद बन गए थे. बेहतरीन प्रदर्शन के साथ उन्होंने चाचा नीतीश को मिलाकर अपनी सरकार बनाई. आरजेडी में नई जान फूंकने में भी उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी. इस बार भी चुनाव से पहले तेजस्वी यादव का अलग अंदाज दिखाई दे रहा है. ताजा कड़ी में पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बिहार की जनता को संबोधित करते हुए एक खुला पत्र जारी किया है. आइे जानते हैं कि क्या है उनका दांव.
क्या है तेजस्वी यादव का खुला पत्र
राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस पत्र में बिहार के विकास को लेकर अपना दृढ़ संकल्प, योजना और रोडमैप साझा किया है. पत्र में तेजस्वी ने नीतीश सरकार के 20 वर्षों के कार्यकाल को “कुशासन” बताया और वादा किया कि नवंबर 2025 में महागठबंधन की सरकार बनने पर राज्य को पूरी तरह बदल कर रख दिया जाएगा.
हर वर्ग के लिए प्रगतिशील ब्लूप्रिंट
तेजस्वी यादव ने बताया कि उनकी पार्टी ने हर जाति, धर्म और वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए एक समावेशी विकास मॉडल तैयार किया है. इस ब्लूप्रिंट में बिहार को उद्योग, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में स्पष्ट रणनीति तय की गई है.
यही नहीं उन्होंने दावा किया कि इस रोडमैप में वे बातें शामिल हैं जो एनडीए सरकार दो दशकों में भी लागू नहीं कर सकी.
गरीबों के लिए वित्तीय सुरक्षा का वादा
अपने पत्र में तेजस्वी ने याद दिलाया कि महागठबंधन ने पहले ही चुनावी मंच से 94 लाख चिन्हित गरीब परिवारों को 2-2 लाख रुपये की सहायता देने का वादा किया था. इसके साथ ही, बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन को बढ़ाकर 1500 रुपये प्रति माह करने की भी घोषणा की थी.
तेजस्वी ने यह भी कहा कि उनके वादों की वजह से वर्तमान सरकार भी हरकत में आ गई है और अब उन्हीं की योजनाओं की नकल कर रही है.
नई योजनाओं की झलक: “माई बहन मान योजना”
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि उनकी पार्टी आने वाले समय में ऐसी योजनाएं लाने को तैयार है, जो समाज के हाशिए पर मौजूद लोगों को आगे लाने में कारगर होंगी. उन्होंने संकेत दिया कि सरकार को “माई बहन मान योजना” जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं की घोषणा के लिए भी मजबूर किया जाएगा.
डोमिसाइल नीति और आरक्षण पर फोकस
तेजस्वी ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार बनने पर डोमिसाइल नीति लागू की जाएगी और 65 प्रतिशत आरक्षण की योजना को अमल में लाया जाएगा, जिससे युवाओं को शिक्षा और रोजगार में न्याय मिल सके.
नए बिहार की तैयारी
तेजस्वी यादव का यह पत्र सिर्फ एक राजनीतिक घोषणापत्र नहीं, बल्कि एक ऐसे युवान नेता की सोच है जो बिहार को सकारात्मक, प्रगतिशील और समावेशी दिशा में ले जाना चाहता है. अब देखना होगा कि जनता इस वादे पर कितना भरोसा जताती है.