बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. वक्त अब बहुत कम बचा है. सभी राजनीतिक दलों ने इसकी तैयारियां कर ली हैं. बिहार में मुख्य मुकाबला भाजपा वाले एनडीए और कांग्रेस वाले इंडी गठबंधन के बीच में हैं. चुनाव के मद्देनजर, एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. एनडीए के नेताओं का कहना है कि सीट के बंटवारे पर किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी. लोकसभा की तरह ही हम लोग मिलकर सीटें तय करेंगे.
हालांकि, क्या बिहार एनडीए में सीटों का बंटवारा इतना आसान सच में है, जितना एनडीए के नेता बता रहे हैं. बिहार एनडीए में पांच पार्टियां शामिल हैं. सवाल है कि क्या भाजपा और जदयू द्वारा बनाए गए सीट बंटवारे के फॉर्मूले को चिराग पासवान मानेंगे, ये इस वक्त सबसे बड़ा सवाल है.
बिहार एनडीए के नेताओं का कहना है कि अबतक सीटों के बंटवारे को लेकर कोई भी औपचारिक बैठक नहीं हुई है. हालांकि, भाजपा के सूत्रों की मानें तो कुल 243 सीटों में से 102 सीटों पर भाजपा, 102 सीटों पर जदयू, 28 सीटों पर लोजपा, सात सीटों पर जीतन राम मांझी की पार्टी और चार सीटों पर उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी चुनाव लड़ सकती है. कहा जा रहा है कि अगर चिराग नहीं मानते हैं तो भाजपा-जदयू एक-एक सीटें घटाकर चिराग को दे देंगे, जिसके बाद चिराग की पार्टी 30 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.
इतनी सीटों की डिमांड कर सकते हैं चिराग पासवान
ऐसे में सवाल है कि क्या चिराग 30 सीटों को लेकर मान जाएंगे. लोजपा (र) के एक बड़े नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि है कि एनडीए की बैठक में पार्टी 70 सीटों की डिमांड करेगी. एलजेपी हर हाल में 40 सीटें लेने का दबाव बनाएगी. अगर 40 पर बात नहीं बनती है तो कम से कम 35 सीटें तो पार्टी जरूर लेगी. पार्टी के वरिष्ठ नेता का कहना है कि हम 35 से कम सीटों पर बिल्कुल नहीं मानेंगे.