बेंगलुरु भगदड़: 11 बेकसूरों की मौत का जिम्मेदार कौन हैं! आरसीबी के मालिक, कर्नाटक सरकार या खुद क्रिकेट फैंस…

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को 18 साल बाद आईपीएल जीते की सारी खुशियां मातम में बदल गई, जब बेंगलुरु भगदड़ में कम से कम 11 लोगों की मौत हो चुकी है तो 33 लोग घायल हो गए. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जीत का जश्न मनाने गए बेकसूरों की मौत का जिम्मेदार कौन हैं? आरसीबी के मालिक, कर्नाटक सरकार या खुद क्रिकेट फैंस…

तीन जून की रात फाइनल जीतने के बाद चार जून को जीत का जश्न मनाने के लिए चिन्नास्वामी स्टेडियम में भव्य समारोह रखा गया. जब बाहर लोग अपनी जान गंवा रहे थे, तब आरसीबी मैनेजमेंट स्टेडियम के अंदर जीत का जश्न मना रहा था. जब रजत पाटीदार और विराट कोहली चिन्नास्वामी स्टेडियम में आए फैंस के सामने भाषण दे रहे थे, तब बाहर लोग जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे थे.

क्या टीम मालिकों की गलती?
आरसीबी फ्रैंचाइजी से टूर्नामेंट जीतने के कुछ ही घंटे के भीतर इतने बड़े इवेंट की जरूरत पर सवाल पूछे जा रहे हैं. आईपीएल के इतिहास में ये पहला मौका था, जब किसी फ्रैंचाइजी ने जीत के बाद इतनी बड़ी विक्ट्री परेड की प्लानिंग की. भारत को 1983 में वर्ल्ड कप जिताने वाली टीम के मेंबर रहे पूर्व तेज गेंदबाज मदन लाल की माने तो इस कार्यक्रम को दो-तीन दिन बाद पूरी तैयारी के साथ भी किया जा सकता था. मदन लाल ने पूछा है कि जब मंगलवार की पूरी रात अहमदाबाद में पार्टी की गई तो बेंगलुरु में जश्न मनाने की क्या जल्दी थी?

कर्नाटक सरकार पर भी उठ रहे सवाल
आरसीबी की इस जीत को कर्नाटक सरकार ने कन्नाड़िगा अस्मिता से जोड़ने की भी कोशिश की. इस इवेंट में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार सरकार के चेहरे के तौर पर सामने थे. एयरपोर्ट पर प्लेयर्स के स्वागत से लेकर उन्हें विधानसभा तक लेकर जाना, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से विराट कोहली समेत तमाम प्लेयर्स की मुलाकात करवाना, सम्मान दिलवाना, मीडिया का कैमरा हर वक्त डीके शिवकुमार पर ही फोकस रहा. जब बेंगलुरु पुलिस ने इतने बड़े इवेंट में सुरक्षा देने से अपने हाथ खड़े कर दिए थ. सूत्रों की माने तो पुलिस ने आयोजन टालने की सलाह दी थी. इसके बावजूद भीड़ जुटाने के पीछे सरकार की मंशा पर सवाल उठने चाहिए.

फैंस अपनी मौत के खुद जिम्मेदार
बेंगलुरु को ‘पढ़े-लिखे’ लोगों का शहर माना जाता है. देश की सबसे बड़ी आईटी इंडस्ट्री यहीं हैं. पूरे देश से बच्चे यहां पढ़ने आते हैं. मगर हमारे देश में तो क्रिकेट के आगे सब बेबस हो जाते हैं. 45 हजार लोगों की बैठना की क्षमता वाले स्टेडियम में चार-पांच लाख लोग घुसने की कोशिश करेंगे तो यही हश्र होगा. लोग किसी तरह बस एक-दूसरे पर चढ़कर अंदर घुसने को आमादा थे, ये अपनी मौत को खुद बुलावा देने से कम नहीं था.

पीएम मोदी और राष्ट्रपति ने भी जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घटना को ‘बेहद हृदय विदारक’ बताया. मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘बेंगलुरु में हुई दुर्घटना बहुत ही हृदयविदारक है. इस दुखद घड़ी में मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है. मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि बेंगलुरू में मची भगदड़ में लोगों की मौत दुखद और हृदयविदारक है. सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में राष्ट्रपति ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी भगदड़ में कई लोगों की मौत पर दुख जताया और कहा कि राज्य सरकार को ऐसे आयोजनों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल की तुरंत समीक्षा करनी चाहिए और उन्हें मजबूत करना चाहिए.

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