Home ताजा हलचल आप क्रेडिट और डेबिट कार्ड से ज्यादा पेमेंट करते हैं, तो ये...

आप क्रेडिट और डेबिट कार्ड से ज्यादा पेमेंट करते हैं, तो ये खबर जरूर पढ़े…

0
सांकेतिक फोटो

आप क्रेडिट और डेबिट कार्ड से ज्यादा पेमेंट करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. मर्चेंट वेबसाइट्स अब आपके कार्ड का नंबर, CVV या एक्सपायरी डेट ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए अपने सर्वर पर स्टोर नहीं कर पाएंगे. कार्ड के यूजर को वेबसाइट पर कोई सामान खरीदने से पहले एक टोकन क्रिएट करना पड़ेगा और उस टोकन को उस खास वेबसाइट (भविष्य में इस्तेमाल के लिए) पर सेव करना होगा. आप चाहे तो पेमेंट के वक्त टोकन जेनरेट कर सकते हैं और बाद में इस्तेमाल के लिए सेव कर सकते है.

क्या है इसका मकसद
यहां यह जानना भी जरूरी है कि डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड टोकनाइजेशन प्रोसेस अनिवार्य नहीं है. कस्टमर के पास अपने कार्ड को मर्चेंट वेबसाइट पर टोकनाइज नहीं करने का विकल्प भी मौजूद रहेगा. ऐसी स्थिति में कस्टमर को वेबसाइट पर हर ट्रांजेक्शन के वक्त कार्ड की डिटेल एंटर करनी होगी.

इनमें 16 डिजिट का कार्ड नबंर, एक्सपायरी डेट और कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू (CVV) शामिल होंगे. टोकनाइजेशन का मकसद क्रेडिट और डेबिट कार्ड के इस्तेमाल को सुरक्षित बनाना है. इससे अगर मर्चेंट वेबसाइट के डेटा लीक हो जाते हैं तो फ्रॉड करने वाले आपके कार्ड का दुरूपयोग नहीं कर सकेंगे.

आरबीआई ने कहा, 35 करोड़ कार्ड को टोकन में बदला
आरबीआई ने शुक्रवार को कहा कि लगभग 35 करोड़ कार्ड को टोकन में बदला जा चुका है और प्रणाली एक अक्टूबर से निर्धारित नए मानदंडों के लिए तैयार है. डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा कि इस सिस्टम में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी अनिच्छा के कारण इसे नहीं चुना है और उम्मीद जताई है कि जल्द ही वह इसे फॉलो करेंगे.

सितंबर में कुल लेनदेन का 40 पर्सेंट टोकन से
आरबीआई ने ग्राहकों की वित्तीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एक अक्टूबर से भुगतान कार्डों को टोकन में बदलना अनिवार्य कर दिया है. टोकनीकरण के तहत क्रेडिट और डेबिट कार्ड के विवरण को ‘टोकन’ नामक एक वैकल्पिक कोड में बदला जाता है. आरबीआई इससे पहले कई बार इसे अपनाने की समयसीमा को बढ़ा चुका है.

यह पूछने पर कि क्या समयसीमा को एक बार फिर बढ़ाया जाएगा, शंकर ने कहा, ‘‘यह सिस्टम पूरी तरह तैयार है. लगभग 35 करोड़ टोकन पहले ही बनाए जा चुके हैं. सितंबर में कुल लेनदेन का लगभग 40 प्रतिशत टोकन के जरिये किया गया और इसके जरिये करीब 63 करोड़ रुपये के लेनदेन किए गए. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अगस्त के अंत तक प्रणाली में डेबिट और क्रेडिट कार्ड की कुल संख्या 101 करोड़ से अधिक है.’’

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version