spot_img

स्वतंत्रता दिवस विशेष: देश की आजादी की जमीन ‘मेरठ क्रांति’ ने तय कर दी थी


पूरा देश आजादी के रंग में रंगा हुआ है. इस बार 15 अगस्त को भारत अपनी स्वतंत्रता के 74वीं वर्षगांठ मना रहा है. कोरोना संकट में भी देशवासी आजादी के जश्न में रंगे हुए हैं. आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बात होगी ‘मेरठ क्रांति’ की. जिसे भारत की 1857 कि विद्रोह क्रांति के नाम से भी जाना जाता है. भारतीयों का यही प्रथम आंदोलन था जिसने अंग्रेजों को पहली बार हिला दिया था.

स्वतंत्रता सेनानियों ने सही मायने में देश की आजादी की जमीन यहीं से तैयार कर दी थी. बाद में मेरठ से शुरू हुई आजादी की चिंगारी अंग्रेजों को देश से भगाने में सबब बनी. 1857 का वह दिन भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है. जब जब भारत की स्वतंत्रता की बात होती है तब मेरठ की क्रांति का भी नाम लिया जाता है. मेरठ की क्रांति का जिक्र किए बिना देश की आजादी के किस्से अधूरे हैं. मेरठ से आजादी के पहले आंदोलन की शुरुआत हुई थी, जो बाद में पूरे देश में फैल गया. सैनिकों के विद्रोह से एक छोटी चिंगारी निकली और ज्वाला बन गई थी.

1857 की क्रांति के पीछे चर्बी लगे कारतूस की मुख्य भूमिका थी
यहां हम आपको बता दें कि अंग्रेज अफसर कर्नल माइकल स्मिथ ने चर्बी लगे कारतूस भारतीय सैनिकों को देने के आदेश दिए. इन कारतूसों को मुंह से खोलना पड़ता था. तीसरी रेजीमेंट लाइन गैलरी के 90 में से 85 सैनिकों ने इस कारतूस के खिलाफ बगावत कर दी. कहा जाता है कि अंग्रेजों ने गाय और सुअर की चर्बी का कारतूस दिया था, सैनिकों ने चलाने से मना कर दिया, क्योंकि उस कारतूस को मुंह से खोलना पड़ता था और इन सैनिकों में हिंदू और मुस्लिम दोनों समाज के लोग थे.

अंग्रेजों ने ये जानबूझकर किया था, जिसके बाद इन सैनिकों ने विद्रोह कर दिया तो उनका कोर्ट मार्शल हुआ और उन्हें विक्टोरिया के पास एक जेल थी, जहां रखा गया था और जब धीरे-धीरे आंदोलन पूरे देश मे शुरू हो गया और यही वजह है कि आज भी इतिहास में वो तारीख दर्ज है. यही विरोध प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का बुनियाद बना था. बैरकपुर छावनी से शुरू हुआ विद्रोह पूरे देश में फैल गया, जिसके बाद देशभर में लोगों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया.


ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ विद्रोह के नायक मंगल पांडे थे

मंगल पांडे ने 29 मार्च, 1857 को बंगाल की बैरकपुर छावनी में ब्रिटिश के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका था. मंगल पांडे ने इस क्रांति नायक थे. दरअसल जो एंफील्ड बंदूक सिपाही इस्तेमाल करते थे, उसमें कारतूस भरने के लिए दांतों का इस्तेमाल करना पड़ता था. पहले कारतूस को काटकर खोलना पड़ता था और उसके बाद उसमे भरे हुए बारूद को बंदूक की नली में भर कर कारतूस को डालना पड़ता था.

सिपाहियों में यह अफवाह फैल गई थी कि कारतूस में लगी हुई चर्बी सुअर और गाय के मांस से बनाई जाती है. ऐसे में सिपाहियों को लगा की अंग्रेज उनका धर्म भ्रष्ट करना चाहते हैं. अंग्रेजों के इस षड्यंत्र से आक्रोशित मंगल पांडे ने बैरकपुर छावनी में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ बिगुल बजा दिया था. छावनी के परेड ग्राउंड में मंगल पांडे ने लेफ्टिनेंट बाग और सार्जेंट मेजर ह्यूसन की हत्या कर दी थी. इसके बाद में मंगल पांडे ने खुद को गोली मार ली, लेकिन वे सिर्फ घायल ही हुए थे. बाद में 7 अप्रैल, 1957 को मंगल पांडे को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी दे दी थी.

यह भी पढ़ें -  उत्तराखंडी लोकगीतों पर झूमा लंदन, प्रवासियों ने सीएम धामी का किया जोरदार स्वागत


शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

Related Articles

विज्ञापन

Latest Articles

रुड़की: बिना वीजा-पासपोर्ट कलियर में रहे बांग्लादेशी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, 2012 में...

0
कलियर पुलिस ने बिना वीजा और पासपोर्ट कलियर में रह रहे एक बांग्लादेशी को गिरफ्तार किया है। बांग्लादेशी दो दिन पूर्वी कलियर में आया...

वाइब्रेंट गुजरात के 20 साल पूरे होने पर बोले पीएम मोदी-एक बीज बोया था...

0
पीएम मोदी इन दिनों गुजरात के दौरे पर हैं. पीएम मोदी ने आज बुधवार (27 सितंबर) को अहमदाबाद की साइंस सिटी वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल...

Asian Games: नेपाल ने बनाया टी20 इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर, एक झटके में...

0
एशियन गेम्स के मेंस क्रिकेट के पहले ही मुकाबले में नेपाल ने इतिहास रच दिया. नेपाल की टीम ने मंगोलिया के खिलाफ 20 ओवर...

मथुरा जंक्शन पर चंद सेकंड रुकने के बाद अचानक से तेजी से चल पड़ी...

0
उत्तर प्रदेश के मथुरा में रेलवे स्टेशन पर देर रात ट्रेन हादसा हो गया। मथुरा जंक्शन पर पहुंची एक ट्रेन यात्रियों को उतारने के...

यूपी: योगी कैबिनेट के विस्तार की आई तारीख! इन लोगों को मौका दे सकती...

0
यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार में आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बहुप्रतिक्षित मंत्रिमंडल विस्तार के संदर्भ में अहम जानकारी सामने आई है. सूत्रों...

उत्तराखंड: खालिस्तानी आतंकवादी के खिलाफ प्रदेश में दो जगह एनआईए ने मारा छापा, कई राज्यों में...

0
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गैंगस्टर और खलिस्तानी-आतंकियों के खिलाफ देश के कई राज्यों में छापेमारी की। गैंगस्टरों की तलाश में एनआईए ने दिल्ली...

उत्तराखंड: लोक सेवा आयोग ने कई भर्ती परीक्षाओं की तिथियां बदलीं, संशोधित कैलेंडर जारी

0
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने कई भर्तियों की परीक्षा तिथियां बदल दी हैं। इसके साथ ही कई नई भर्तियां शामिल करते हुए संशोधित परीक्षा...

राशिफल 27-09-2023: आज बुधवार को क्या कहते है आपके सितारे जानिए

0
मेष-:आज आपका दिन खुशनुमा रहेगा. बिजनेस करने वाले लोगों के लिए दिन शुभ है. आप अपने काम करने के तरीकों में बदलाव करेंगे, जिससे...

27 सितम्बर 2023 पंचांग: जानें आज का शुभ मुहूर्त, कैलेंडर-व्रत और त्यौहार

0
आपके लिए आज का दिन शुभ हो. अगर आज के दिन यानी 27 सितम्बर 2023 को कार लेनी हो, स्कूटर लेनी हो, दुकान का...

एसीएस राधा रतूड़ी ने दिए निराश्रित बच्चों के लिए अभियान चलाकर आधार कार्ड के...

0
देहरादून| एसीएस राधा रतूड़ी ने निराश्रित, बालश्रम से मुक्त बच्चों के तहसील स्तर पर अभियान चलाकर आधार कार्ड के साथ ही राशन कार्ड व...