इंडिया ब्लॉक की डिनर मीटिंग में राहुल गांधी ने “डेमोक्रेसी डेस्ट्रॉयड” नामक पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन में आरोप लगाया कि कर्नाटक के बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 फर्जी वोट डाले गए थे ।
उन्होंने पाँच प्रमुख विधियों से यह “वोट चोरी” घोटाला उजागर करने की कोशिश की – जिनमें डुप्लीकेट मतदाता, अवैध या शून्य-पते, एक ही पते पर बहुत ज्यादा वोटर, पहचानहीन फोटो और फॉर्म-6 का दुरुपयोग शामिल था। राहुल ने दावा किया कि इस गड़बड़ी को पहचानने में छह महीने लगे।
उन्होंने कहा कि इसमें बीजेपी और चुनाव आयोग की सांठ-गांठ शामिल थी, जिनकी वजह से लोकतंत्र खतरे में है। बैठक में भारत के कई दलों के लगभग 50 नेता शामिल थे, जिन्होंने इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाते हुए 11 अगस्त को चुनाव आयोग तक मार्च निकालने का फैसला किया।