भारतीय रेलवे ने आगामी दीपावली और छठ पूजा के मद्देनज़र यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए 1 अक्टूबर से 45 दिनों तक लगभग 12,000 विशेष ट्रेनों का संचालन करने की घोषणा की है। इन विशेष ट्रेनों के माध्यम से लगभग 3 करोड़ अतिरिक्त यात्रियों को यात्रा की सुविधा प्रदान की जाएगी, जो ऑस्ट्रेलिया की कुल जनसंख्या से भी अधिक है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इन विशेष ट्रेनों का उद्देश्य त्योहारों के दौरान सामान्य ट्रेनों पर बढ़े दबाव को कम करना और यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा प्रदान करना है। इन ट्रेनों की योजना में प्रमुख रूटों पर अतिरिक्त कोच जोड़ना और कुछ ट्रेनों के फेरे बढ़ाना शामिल है।
हालांकि, बिहार दैनिक यात्री संघ (BDPA) ने इस पहल पर सवाल उठाए हैं। संघ के महासचिव शोएब कुरैशी ने राज्य की सीमित रेलवे संरचना का हवाला देते हुए इन विशेष ट्रेनों के संचालन की व्यवहारिकता पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि बिहार में प्लेटफॉर्म, ट्रैक और शेड्यूलिंग की सीमित क्षमता के कारण 12,000 अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
रेलवे अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि ये 12,000 विशेष ट्रेनें नहीं, बल्कि ट्रेनों के फेरे होंगे। अर्थात, कुछ ट्रेनें कई बार विभिन्न रूटों पर चलेंगी, जिससे यात्रियों को अतिरिक्त सीटों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
इस पहल से त्योहारों के दौरान यात्रियों को राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन इसके सफल संचालन के लिए रेलवे को राज्य की रेलवे संरचना की सीमाओं को ध्यान में रखते हुए योजना बनानी होगी।