Home उत्‍तराखंड डेंजर जोन में नैनीताल के 27 हजार लोग, केदारनाथ में तीर्थयात्रियों पर...

डेंजर जोन में नैनीताल के 27 हजार लोग, केदारनाथ में तीर्थयात्रियों पर डिजिटल सिस्टम लागू

0

उत्तराखंड में चौतरफा भूस्खलन व एकाएक तेज बारिश से नैनीताल शहर के करीब 27 हजार लोग खतरे के साये में हैं। पिछले पांच-सात सालों में नैनीताल-मसूरी में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ी हैं। ऐसा जलवायु परिवर्तन की वजह से थोड़े समय में अधिक वर्षा होना है। नैनीताल के बलियानाला, नयना पीक, राजभवन के गोल्फ कोर्स क्षेत्र में भूस्खलन की आशंका बढ़ रही है। अब यहां टिकाऊ विकास बेहद जरूरी है। वाडिया इंस्टीट्यूट की अध्ययन रिपोर्ट के बाद अब डीपीआर बनाने की दिशा में सरकार बढ़ रही है।

उत्तराखंड प्रशासन अकादमी (एटीआइ) में शहरी विकास विभाग की ओर से हिमालयी शहरों में विकास की चुनौती विषयक कार्यशाला में हिस्सा लेने पहुंचे वाडिया इंस्टीट्यूट देहरादून के वरिष्ठ विज्ञानी डा. विक्रम गुप्ता ने बताया कि इंडो-नार्वे प्रोजेक्ट के अंतर्गत पिछले तीन-चार साल में एक अध्ययन किया गया था। इसके निष्कर्ष में सामने आया कि नैनीताल, मसूरी, शिमला व अन्य हिल स्टेशनों की भार वहन क्षमता बहुत पहले ही खत्म हो चुकी है।

ऐसे में हमें सेटेलाइट टाउनशिप की तरफ बढ़ना चाहिए। अब इन हिल स्टेशनों में बहुत सोच समझकर काम करना चाहिए। हमें बेहद संवेदनशील होना पड़ेगा। अवैध निर्माण पर सख्ती के साथ ही पर्यटन सीजन में पर्यटकों की भीड़ को संयमित करने की जरूरत है। तभी इस समस्या का समाधान हो सकता है।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version