उत्तर सिक्किम में सोमवार को भारी बारिश के चलते भयंकर भूस्खलन हुआ, जिसमें एक भारतीय सेना का कैंप उसकी चपेट में आ गया। इस हादसे में अब तक 3 जवानों के शहीद होने की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 9 अन्य जवानों के लापता होने की सूचना है। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
घटना सुबह करीब 7:30 बजे की है, जब अचानक भारी मात्रा में मिट्टी और चट्टानें सेना के अस्थायी शिविर पर आ गिरीं। शिविर में तैनात सैनिकों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। स्थानीय प्रशासन, सेना और NDRF की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं और मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया।
सेना ने बयान जारी कर कहा कि लापता जवानों की तलाश के लिए ड्रोन और स्निफर डॉग्स की मदद ली जा रही है। मौसम खराब होने के बावजूद राहत टीमें लगातार काम कर रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया है और शहीदों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की है।
यह घटना एक बार फिर उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन की गंभीरता को उजागर करती है।