मई 2025 में, भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान, 3,000 अग्निवीरों ने देश के प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अग्निपथ योजना के तहत भर्ती हुए ये युवा सैनिक, जिनकी आयु लगभग 20 वर्ष थी, वायु रक्षा प्रणालियों के संचालन, गनर, फायर कंट्रोल ऑपरेटर, रेडियो ऑपरेटर और भारी वाहन चालकों के रूप में तैनात थे।
पाकिस्तान द्वारा किए गए मिसाइल और ड्रोन हमलों के दौरान, इन अग्निवीरों ने अमृतसर, जम्मू, चंडीगढ़ और भुज जैसे महत्वपूर्ण स्थानों की रक्षा की। उन्होंने उन्नत हथियार प्रणालियों जैसे L-70, पेकोरा मिसाइल, शिल्का एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम, ओसा-एके प्लेटफॉर्म, स्ट्रीला मिसाइल और स्वदेशी आकाश सतह-से-हवा मिसाइल प्रणाली का संचालन किया।
इन अग्निवीरों की बहादुरी और दक्षता ने रक्षा प्रतिष्ठानों में उनकी भूमिका को मान्यता दिलाई है, और यह अग्निपथ योजना की सफलता का प्रमाण है।