अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने अमेरिकी न्याय विभाग की जांच के बाद पहली बार $250 मिलियन (लगभग ₹2,218 करोड़) का विदेशी मुद्रा ऋण प्राप्त किया है। यह लोन चार वैश्विक बैंकों के समूह—DBS बैंक, DZ बैंक, राबोबैंक और बैंक सिनोपैक—से प्राप्त हुआ है। यह ऋण मौजूदा कर्ज को रिफाइनेंस करने के लिए लिया गया है और इसकी अवधि पांच वर्षों से अधिक है, जबकि ब्याज दर लगभग 8.20% है ।
इस वित्तीय कदम से कंपनी की विकास योजनाओं को बल मिलेगा और यह नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अपनी स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगा। कंपनी ने हाल ही में अपनी परिचालन क्षमता में 45% की वृद्धि की घोषणा की थी, जिससे यह भारत की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी बन गई है ।
अमेरिका में न्याय विभाग द्वारा अदानी समूह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद, यह ऋण प्राप्ति कंपनी की वित्तीय स्थिरता और निवेशकों के विश्वास को दर्शाती है। इस खबर के बाद, अदानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में 3% की तेजी आई, जो ₹1,089.45 तक पहुंच गए ।