प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार, 7 अक्टूबर 2025 को दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, मुंबई और हरियाणा के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई एक बहु-करोड़ रुपये के अंतरराष्ट्रीय टेक सपोर्ट स्कैम से जुड़ी है, जिसमें विदेशी नागरिकों को निशाना बनाया गया था।
जांच में पता चला है कि आरोपी दिल्ली के रोहिणी, पश्चिमी विहार और राजौरी गार्डन जैसे इलाकों में नकली कॉल सेंटर चला रहे थे। ये लोग खुद को चार्ल्स श्वाब, माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल जैसी कंपनियों के कस्टमर सपोर्ट प्रतिनिधि बताकर पीड़ितों से पैसे ऐंठते थे। साथ ही, पुलिस या जांच अधिकारी बनकर गिरफ्तारी का डर दिखाकर भी धोखाधड़ी करते थे।
जांच में यह भी सामने आया कि ठगी से प्राप्त रकम को क्रिप्टोकरेंसी और गिफ्ट कार्ड्स में बदला जाता था, जिन्हें फिर भारत और विदेशों में भेजा जाता था। इससे जुड़े कई क्रिप्टो वॉलेट्स में लाखों डॉलर के लेन-देन पाए गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय की यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के तहत की गई है।
इस ऑपरेशन से यह स्पष्ट होता है कि भारत में साइबर अपराधियों के नेटवर्क कितने व्यापक और संगठित हो सकते हैं। प्रवर्तन निदेशालय की यह कार्रवाई ऐसे अपराधों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है।