केंद्र सरकार ने 01 अक्टूबर 2025 से प्रभावी छह महीने की अवधि के लिए मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के चयनित इलाकों में AFSPA (Armed Forces Special Powers Act) को पुनः लागू करने का निर्णय किया है।
मणिपुर में यह अधिनियम राज्य के अधिकांश हिस्सों में लागू रहेगा, केवल 13 पुलिस थाना इलाकों को इससे बाहर रखा गया है।नागालैंड में नौ जिले और पांच जिलों की 21 पुलिस थाना सीमाएँ “विक्षिप्त क्षेत्र” घोषित की गई हैं।अरुणाचल प्रदेश में तिराप, चांगलांग, लोंगडिंग जिले तथा नमसाई जिले की कुछ थाना सीमाएँ इस अधिनियम के दायरे में लाई गई हैं।
इस अधिनियम के दायरे में सुरक्षा बलों को तलाशी, गिरफ्तारी और आवश्यक होने पर गोली चलाने का अधिकार दिया जाता है, बशर्ते कि केंद्रीय सरकार की अनुमति हो। यह कदम उन क्षेत्रों में Law & Order की बिगड़ी स्थिति और उग्रवाद की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
AFSPA लंबे समय से विवादों में रही है, क्योंकि इसे नागरिक अधिकारों पर अंकुश लगाने वाला माना जाता है। आलोचक यह कहते रहे हैं कि इसके दायरे में सुरक्षा बलों की कार्रवाई में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना आवश्यक है। सरकारी तर्क यह है कि वर्तमान हालात में यह कदम जरूरी था ताकि इन संवेदनशील इलाकों में स्थिति नियंत्रण में रहे।