भारत सरकार ने पाकिस्तान की “आतंकी उद्योग” पर कड़ी चोट करने के लिए अगला मोर्चा FATF (फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स) में खोलने की तैयारी कर ली है। सरकारी सूत्रों के अनुसार विदेश मंत्रालय व राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान मिली खुफिया जानकारियों को एक विस्तृत डोज़ियर में संकलित किया है, जिसे 22 मई को पेरिस में होने वाली FATF अंतर-सत्रीय बैठक में पेश किया जाएगा।
डोज़ियर में लश्कर-ए-तैबा व जैश-ए-मोहम्मद के चालू प्रशिक्षण शिविरों, आतंकियों को राज्य सम्मान के साथ दफनाने, तथा आईएमएफ के 7 बिलियन पैकेज से संदिग्ध धन के रुख मोड़ने के तथ्य शामिल हैं।
भारत का लक्ष्य पाकिस्तान को 2022 में मिली ग्रे-लिस्ट मुक्ति को पलटवाकर पुनः निगरानी सूची में डालना है; साथ ही विश्व बैंक-आईएमएफ जैसे बहुपक्षीय बैंक से मिलने वाली सहायता पर भी सख्त शर्तें लगाने की मांग की जाएगी।
पाहलगाम हमले (22 अпрैल) के बाद भारत ने सीमा पार आतंकी ढांचों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी और अब वित्त पोषण की नस काटने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर “सीधा सबूत” रखने जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि प्रस्ताव पास हुआ तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और कूटनीति दोनों पर भारी दबाव पड़ेगा।