सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 19 मई 2025 को अशोका विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर अली ख़ान महमूदाबाद की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने का निर्णय लिया। महमूदाबाद ने सोशल मीडिया पर ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित पोस्ट की थी, जिसके बाद उन पर महिला अधिकारियों का अपमान करने और सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने के आरोप लगाए गए हैं। हरियाणा पुलिस ने उन्हें दिल्ली से गिरफ्तार कर सोनीपत के राय पुलिस स्टेशन में दो दिन की रिमांड पर लिया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस बी आर गवई के समक्ष मामले की तात्कालिक सुनवाई की मांग की। कोर्ट ने मामले को मंगलवार या बुधवार को सूचीबद्ध करने का आश्वासन दिया। महमूदाबाद ने अपनी टिप्पणी को “गलत समझा गया” बताते हुए कहा है कि उन्होंने केवल शांति और सद्भावना को बढ़ावा देने के लिए अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग किया था।
इस मामले ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अकादमिक स्वतंत्रता के मुद्दे को फिर से उजागर किया है, और विभिन्न शिक्षण संस्थानों और राजनीतिक दलों ने महमूदाबाद के समर्थन में बयान जारी किए हैं।