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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामला बंद, आयुष विज्ञापनों पर मिली राहत

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामला बंद, आयुष विज्ञापनों पर मिली राहत

सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त 2025 को आयुष विज्ञापनों को लेकर चल रही पुरानी कानूनी लड़ाई में एक बड़ा निर्णय लिया है। इस मामले में भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) की ओर से पतंजलि आयुर्वेद पर भ्रामक विज्ञापनों का आरोप था, जिसमें उनके उत्पादों को उच्च रक्तचाप, अस्थमा और मधुमेह जैसी पुरानी बीमारियाँ ठीक करने वाला बताया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने इसी आधार पर एक नियम (Rule 170 – जो आयुष विज्ञापनों के लिए राज्य स्तरीय अनुमति को अनिवार्य बनाता था) को रद्ध किया था। अब अदालत ने IMA की याचिका खारिज कर दी है और इस नियम को हटाए जाने का समर्थन करते हुए मामले को बंद कर दिया है।

इस निर्णय के साथ पतंजलि पर पहले से लागू किसी अतिरिक्त कानूनी चेतावनी या कार्रवाई का दबाव समाप्त हो गया है। हालांकि कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि यदि भविष्य में कोई भी विज्ञापन नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।

यह फैसला आयुष उत्पादों के ब्रांडों को विज्ञापन के क्षेत्र में अधिक स्वतंत्रता देगा। साथ ही यह एक संकेत भी है कि स्वास्थ्य से जुड़े मार्केटिंग दावों में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व आवश्यक है।

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