कश्मीर घाटी में वर्षों बाद एक बार फिर बंद का माहौल देखने को मिला, लेकिन इस बार वजह अलग थी। शनिवार को कश्मीर के कई हिस्सों में आम जनजीवन ठप रहा, दुकानें बंद रहीं और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। यह बंद हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में किया गया, जिसमें निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया गया।
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। श्रीनगर, अनंतनाग, पुलवामा और अन्य जिलों में बाजार, व्यापारिक प्रतिष्ठान, स्कूल-कॉलेज और सार्वजनिक परिवहन बंद रहे। बंद के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा की सूचना नहीं मिली, लेकिन सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया।
पहलगाम में हुए इस हमले ने न सिर्फ लोगों में डर का माहौल पैदा किया है, बल्कि दशकों बाद घाटी में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता देखने को मिली है। आम नागरिकों का कहना है कि अब आतंक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और वह शांति के पक्ष में खड़े हैं।
यह बंद संदेश है कि कश्मीर अब खामोश नहीं रहेगा, और हर आतंकी हमले के खिलाफ आवाज उठाएगा।