लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले का दौरा किया, जहां पाकिस्तान की भारी गोलाबारी में कई परिवारों को अपूरणीय क्षति उठानी पड़ी। उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और कहा कि वे उन बच्चों की शिक्षा का जिम्मा उठाएंगे जिन्होंने अपने माता-पिता इस हिंसा में खो दिए।
राहुल गांधी ने स्कूल शिक्षकों, छात्रों और प्रभावित बच्चों से बात करते हुए विशेष रूप से कहा, “आप दिल से मजबूत बनिए, पढ़ाई पर ध्यान दीजिए और जीवन को आगे बढ़ाइए।” उन्होंने स्कूल में जाने वाले उन बच्चों को सांत्वना दी, जिनके तीन साथी—जुड़वां भाई‑बहन सहित—पाकिस्तानी shelling में मारे गए ।
उन्होंने ट्वीट कर अपनी बातचीत का भावुक विवरण साझा किया: “टूटी हुईं दीवारें, बिखरी वस्तुएँ, नम आँखें और दर्दभरी कहानियाँ… ये परिवार साहस और गरिमा के साथ सबसे बड़ा बोझ उठाते हैं। मैं उस दर्द को राष्ट्रीय स्तर पर उठाऊँगा।” ।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर प्रभावित सीमावर्ती इलाकों में राहत और पुनर्वास पैकेज की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकारी समर्थन और शिक्षा तक पहुंच से इन बच्चों के जीवन को स्थायी मदद मिलेगी । उनकी यह पहल न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि सामाजिक स्तर पर आशा और नैतिक समर्थन का संदेश है।