एयर इंडिया, जो टाटा समूह के स्वामित्व वाली है, अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनावों का लाभ उठाते हुए उन बोइंग विमानों को खरीदने की योजना बना रही है जिन्हें चीनी एयरलाइनों ने अस्वीकार कर दिया है। इन विमानों में मुख्य रूप से बोइंग 737 मैक्स मॉडल शामिल हैं, जिन्हें पहले चीन की ज़ियामेन एयरलाइंस और अन्य कंपनियों के लिए बनाया गया था, लेकिन अब अमेरिकी-चीनी व्यापार युद्ध के चलते उनकी डिलीवरी रोक दी गई है।
चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर 125% तक के टैरिफ लगाए हैं और अपनी एयरलाइनों को बोइंग विमानों की डिलीवरी स्वीकार न करने का निर्देश दिया है। इसके परिणामस्वरूप, कई तैयार विमान अमेरिका लौटाए गए हैं। एयर इंडिया, जिसने पहले ही ऐसे 41 विमान प्राप्त किए हैं, अब अपने बजट उपब्रांड एयर इंडिया एक्सप्रेस के लिए और अधिक विमानों की खरीद पर विचार कर रही है। एयर इंडिया को जून तक नौ और बोइंग 737 मैक्स विमानों की डिलीवरी मिलने की उम्मीद है, जिससे कुल संख्या 50 हो जाएगी।
यह रणनीतिक कदम एयर इंडिया को घरेलू बाजार में इंडिगो जैसी प्रमुख एयरलाइनों से प्रतिस्पर्धा करने में मदद करेगा। हालांकि, इन विमानों की खरीद में कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जैसे कि पहले से निर्धारित केबिन कॉन्फ़िगरेशन और आंशिक भुगतान। फिर भी, यह सौदा एयर इंडिया के लिए बेड़े का तेजी से विस्तार करने का एक अवसर प्रदान करता है।