पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद, 3 जुलाई से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को बेहद कड़ा कर दिया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ड्रोन निगरानी, बम निरोधक दस्ते और ई‑आईडी पहचान प्रणाली जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाया है।
इस बार CRPF की 50,000 से अधिक यूनिट along with 581 CAPF कंपनियाँ (लगभग 58,000 जवान) गश्त, हाईवे पेट्रोलिंग, और जामर्स की तैनाती कर रही हैं। प्रत्येक यात्री और पोनी ऑपरेटर को डिजिटल RFID‑आधारित ई‑आईडी जारी की गई है, ताकि हर किसी की रीयल‑टाइम ट्रैकिंग हो सके ।
सुरक्षा एजेंसियां CRPF, जम्मू‑कश्मीर पुलिस, आर्मी, पंजाब पुलिस और JKSDRF के साथ मिलकर ड्रोन, K‑9 इकाइयाँ, क्विक-एक्शन टीमें और बम स्क्वैड तैनात कर रही हैं। साथ ही, राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क को बंद कर दिया गया है और मॉक ड्रिल्स—जैसे लैंडस्लाइड की ओटेबिलिटी—बीना आयोजित किये गए ।
सभी हवाई मार्गों और ड्रोन उड़ान को 1 जुलाई से 10 अगस्त तक नो‑फ्लाई ज़ोन घोषित कर दिया गया है । LG मनोज सिन्हा ने श्रद्धालुओं को आश्वस्त किया है कि यात्रा पूरी सुरक्षा के साथ होगी, और उन्हें बड़ी संख्या में भाग लेने का आह्वान किया है।