गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में लोकसभा में पेश किए गए ‘क्रिमिनल नेताओं’ पर विधेयक का बचाव करते हुए कहा कि यदि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया होता, तो इस विधेयक की आवश्यकता नहीं होती। उन्होंने कहा कि संविधान बनने के समय ऐसे ‘निरंकुश’ नेताओं की कल्पना नहीं की गई थी। यह विधेयक सभी नेताओं पर लागू होगा, चाहे वे भाजपा के हों या किसी अन्य दल के।
गौरतलब है कि मार्च 2024 में केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिससे वे जेल में बंद होने वाले पहले कार्यरत मुख्यमंत्री बने। उन्होंने सितंबर 2024 में इस्तीफा दिया था।
विधेयक के अनुसार, यदि कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री गंभीर आपराधिक आरोपों में 30 दिन तक जेल में रहते हैं, तो उन्हें अपने पद से हटा दिया जाएगा। विपक्ष ने इस विधेयक को ‘तानाशाही’ करार दिया है और इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया है।
अमित शाह ने कहा कि यह विधेयक सरकारों को जेल से चलाने की अनुमति नहीं देता और यह जनता की उम्मीदों के खिलाफ है।